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नवकल्पनाओं को ‘आईपी यात्रा’ से मिल रहा है व्यावसायिकता का मंच – अभय दफ्तरदार

एमएसएमई मंत्रालय और एआईसी पिनैकल द्वारा राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (आईपी) यात्रा का उद्घाटन

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पुणे. “उद्यमशीलता की संभावनाओं को वास्तविक उद्योगों से जोड़ने और नवाचारों को व्यावसायिक स्तर पर विकसित करने के लिए अनुकूल मंच तैयार करना आवश्यक है। राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (आईपी) यात्रा इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है,” यह बात केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्रालय के सहायक निदेशक अभय दफ्तरदार ने कही।

एआईसी पिन्नेकल एंटरप्रेन्योरशिप फोरम द्वारा केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से आयोजित दूसरी राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (आईपी) यात्रा का उद्घाटन बुधवार को हुआ। इस अवसर पर भारत सरकार के पेटेंट और डिजाइन विभाग के सह-नियंत्रक आशीष प्रभात, पिन्नेकल इंडस्ट्रीज ग्रुप के अध्यक्ष अरिहंत मेहता, नीदरलैंड्स के तकनीकी हस्तांतरण अधिकारी डेनिस बेवर्स, डीआईसीसीआई की राष्ट्रीय संयोजक मैत्रेयी कांबले, एआईसी पिन्नेकल एंटरप्रेन्योरशिप फोरम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील धाडीवाल सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे। यह दो दिवसीय आईपी यात्रा मुख्य रूप से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा की जानकारी, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रक्रिया, बौद्धिक संपदा का व्यावसायीकरण इन तीन विषयों पर केंद्रित है.


अभय दफ्तरदार ने कहा, “हमारा उद्देश्य स्टार्टअप्स और नवोदित उद्यमियों को सरकारी योजनाओं और बौद्धिक संपदा अधिकारों की जानकारी देकर उन्हें उद्योग जगत के लिए तैयार करना है। नवाचारों को सफल व्यवसायों में बदलने के लिए अनुकूल वातावरण, मार्गदर्शन और संरचनात्मक सहयोग आवश्यक है। इसके लिए इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी फैसिलिटेशन सेंटर (आईपीएफसी) के माध्यम से पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, जियो टैग, औद्योगिक डिजाइन आदि की विस्तृत जानकारी दी जाती है।”

आशीष प्रभात ने नवाचारों के व्यावसायीकरण में पेटेंट और डिजाइन प्रमाणन की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “आज स्टार्टअप को उद्योग में बदलने की प्रक्रिया जटिल होती जा रही है। इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए बौद्धिक संपदा संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। हमारे विभाग ने पिछले वर्ष 10 लाख से अधिक युवा नवाचारकों तक अपनी पहुंच बनाई है। वर्तमान में 75,000 से अधिक पेटेंट प्रक्रियाधीन हैं, और आगामी वर्ष में पेटेंट एवं डिजाइन फाइलिंग में 25% की वृद्धि की उम्मीद है।”

मैत्रेयी कांबले ने कहा कि “दलित उद्यमियों को बौद्धिक संपदा अधिकारों की समझ और सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘डीआईसीसीआई’ सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। ऐसे आयोजन स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में सहायता करते हैं।”डेनिस बेवर्स ने वैश्विक तकनीकी हस्तांतरण पर अपने विचार साझा किए, जबकि अरिहंत मेहता ने कहा कि “नवाचारों को नई तकनीकों और उभरते बाजारों से जोड़ने में आईपी यात्रा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।” कार्यक्रम का संचालन पूनम नाहर ने किया, जबकि सुनील धाडीवाल ने स्वागत भाषण के दौरान एआईसी पिन्नेकल एंटरप्रेन्योरशिप फोरम के कार्यों पर प्रकाश डाला।

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