राजपूत महिला समाज को मीनाक्षी सेहरावत का संदेश – “आधुनिक बनो, पर संस्कार न छोड़ो”
महारानी साहिबा निवृत्ती कुमारी जी, मेवाड़, उदयपुर की प्रमुख उपस्थिति में समस्त राजपूत महिला संघ का ‘सावन मिलन’ कार्यक्रम उत्साहपूर्वक संपन्न

पुणे | प्रतिनिधि विशेष . दिल्ली की राष्ट्रवादी विचारक मीनाक्षी सेहरावत ने राजपूत महिलाओं से आग्रह किया कि वे समय के साथ चलें, आधुनिक बनें, लेकिन अपनी संस्कृति और संस्कारों को कभी न छोड़ें। वे पुणे में आयोजित समस्त राजपूत महिला संघ के ‘सावन मिलन’ समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रही थीं।
कार्यक्रम की शान थीं उदयपुर की महारानी साहिबा निवृत्ती कुमारी जी, जिनकी प्रमुख उपस्थिति ने समारोह को गौरवपूर्ण बना दिया। इस अवसर पर घूमर नृत्यगुरु शीतल राठौड़, पुणे शाखा की अध्यक्षा मीनल यज्ञदत्तसिंह हजारे सहित अनेक पदाधिकारी एवं महिलाएं मौजूद थीं।
समारोह की शुरुआत पारंपरिक शस्त्र पूजन से हुई। शस्त्र पूजा राजपुरोहित दिवाकर गोरे ने की। कीउपस्थित महिलाओं ने शस्त्रों का दुरुपयोग न करते हुए उन्हें धर्म, देश और देव के लिए समर्पित रखने की शपथ ली। मीनाक्षी सेहरावत ने अपने प्रेरणादायक भाषण में कहा, “शस्त्र और शास्त्र – दोनों का संतुलन ही क्षत्राणी की पहचान है। आधुनिकता को अपनाइए, लेकिन अपनी जड़ों को मत भूलिए।”
महारानी निवृत्ती कुमारी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनने की प्रेरणा दी। वहीं शीतल राठौड़ ने घूमर नृत्य के महत्व और प्रस्तुति की बारीकियां साझा कीं। मीनल हजारे ने कार्यक्रम का प्रास्ताविक प्रस्तुत किया और राज्य के विभिन्न कोनों से आईं उन महिलाओं का सम्मान किया गया, जिन्होंने समाज और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।
कार्यक्रम में पारंपरिक राजपूती परिधान में सजी महिलाओं की उपस्थिति ने आयोजन को सांस्कृतिक सौंदर्य से भर दिया। पूरे महाराष्ट्र से आए प्रतिनिधियों के उत्साही प्रतिसाद के लिए संघ की ओर से आभार प्रकट किया गया।समस्त राजपूत महिला संघ लगातार राजपूत समाज में महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक चेतना के लिए कार्यरत है।