
पुणे: राज्य सरकार पर 90 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि चुकाने का दबाव बनाने के लिए मंगलवार को ठेकेदारों ने जिला अधिकारी कार्यालय के सामने तेज बारिश में दो घंटे धरना दिया। इस आंदोलन में बिल्डर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया पुणे सेंटर के नेतृत्वाखाली विभिन्न ठेकेदार संघटनाओं के करीब 800–900 ठेकेदार शामिल हुए।
धरने में ठेकेदारों ने नारे लगाए – “भीक नहीं, हक चाहिए”, “राज्यकर्ते जोमात, कंत्राटदार कोमात”।
बिल्डर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया पुणे सेंटर अध्यक्ष अजय गुजर ने कहा कि सरकार ने “लाडकी बहिण” योजना के लिए पैसा उपलब्ध कराया है, लेकिन ठेकेदारों के बिल अटका दिए हैं। इससे ठेकेदार कंगाल हो गए हैं।
राज्य अध्यक्ष जगन्नाथ जाधव ने कहा कि बकाया भुगतान न होने से सांगली के एक ठेकेदार ने आत्महत्या कर ली, लेकिन सरकार अब भी गंभीर नहीं है।
अन्य पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार पैसे न होने पर भी नई निविदाएं निकाल रही है, जबकि ठेकेदार कर्ज में डूब रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही भुगतान नहीं किया गया तो अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।