
पुणे.पुणे महानगरपालिका के एक स्वास्थ्य अधिकारी को मिली अध्ययन अवकाश और भत्तों की मंजूरी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पुणे के वरिष्ठ नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ता रमेश विष्णु खामकर ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मनपा आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत भेजकर गंभीर आरोप लगाए हैं।
शिकायत के अनुसार, पुणे मनपा के आरोग्य विभाग ने डॉ. प्रल्हाद हेमराज पाटील को, असाधारण रजा (अवकाश) मंजूर होने के बावजूद, पूर्व तारीख से प्रभावी अध्ययन अवकाश और संबंधित भत्ता मंजूर किया है। खामकर का सवाल है कि जब डॉ. पाटील ने मनपा में आवश्यक 5 वर्षों की सेवा पूरी नहीं की है, तब उन्हें यह अध्ययन अवकाश कैसे दिया गया?
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि डॉ. पाटील को अध्ययन भत्ता उस समय प्रदान किया गया जब वे पहले से विद्यावेतन (स्कॉलरशिप) प्राप्त कर रहे थे और उनके द्वारा किया जा रहा कोर्स भी अनिवार्य नहीं था। इससे मनपा को आर्थिक नुकसान होने की संभावना जताई गई है।
खामकर ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसे निर्णयों पर रोक नहीं लगी, तो अन्य अधिकारी भी इसी तरह की मांग कर सकते हैं, जिससे प्रशासन पर अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है। शिकायत में यह भी बताया गया है कि जहां कई अधिकारियों की पदोन्नति और सेवा संबंधित मामलों में वर्षों से कोई कार्रवाई नहीं हुई है, वहीं डॉ. पाटील की फाइल पर बेहद तेजी से निर्णय लिए जा रहे हैं, जो संदेह पैदा करता है।
अंत में, खामकर ने मनपा आयुक्त से इस पूरे मामले की गहन जांच कराने और यदि कोई अधिकारी नियमों के विरुद्ध निर्णय लेने का दोषी पाया जाए, तो उसके विरुद्ध उचित कार्रवाई की मांग की है।