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तुळशीबाग में 264वें श्रीरामनवमी उत्सव का गुढीपाड़वा पर शुभारंभ

श्रीरामजी संस्थान तुळशीबाग द्वारा 30 मार्च से 16 अप्रैल तक विविध कार्यक्रमों का आयोजन

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पुणे. श्रीरामजी संस्थान तुळशीबाग द्वारा श्रीराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में 30 मार्च से 16 अप्रैल तक श्रीराम मंदिर, तुळशीबाग में भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष यह ऐतिहासिक उत्सव अपने 264वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस बारे में जानकारी संस्थान के कार्यकारी विश्वस्त भरत तुळशीबागवाले ने पत्रकार वार्ता में दी.

गुढीपाड़वा के दिन, 30 मार्च को सुबह 7 बजे श्रीराम नवमी उत्सव का शुभारंभ होगा। इस दिन श्रीराम को पवमान अभिषेक किया जाएगा तथा श्रीरामरक्षा, अथर्वशीर्ष, श्रीविष्णुसहस्रनाम, श्रीसूक्त एवं पुरुषसूक्त का सामूहिक पाठ किया जाएगा। 30 मार्च से 5 अप्रैल तक प्रतिदिन सुबह 9 बजे श्री गणेश्वर शास्त्री पारखी रामायण पाठ करेंगे। दोपहर 12 बजे श्रीराम की महापूजा व आरती होगी और शाम 7:30 बजे श्रीराम छबिना शोभायात्रा निकलेगी। इसके अलावा, शाम 5:30 बजे डॉ. कल्याणी नामजोशी श्रीमद् रामायण पर प्रवचन देंगी।

 

धार्मिक अनुष्ठान एवं भव्य शोभायात्रा

5 अप्रैल को शाम 5 बजे श्री कौसल्या माता डोहाळजेवण का आयोजन किया जाएगा। 6 अप्रैल को श्रीराम जन्मोत्सव के अवसर पर सुबह 10:30 बजे ह.भ.प. दर्शनबुवा वझे श्रीराम जन्म पर विशेष कीर्तन प्रस्तुत करेंगे। 11 बजे श्रीराम पोशाख शोभायात्रा निकलेगी, जिसके बाद दोपहर 12:40 बजे श्रीराम जन्मोत्सव का मुख्य समारोह संपन्न होगा। इसी दिन शाम 7:30 बजे भव्य छबिना शोभायात्रा निकाली जाएगी।

 

8 अप्रैल को सुबह 7 बजे ह.भ.प. दर्शनबुवा वझे द्वारा लळीत व पायघडी कीर्तन का आयोजन किया जाएगा और समस्त तुळशीबागवाले परिवार द्वारा श्रीराम राज्याभिषेक सोहळा संपन्न होगा। 12 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर सुबह 6 बजे ब्रह्मवृंद द्वारा श्रीहनुमान रुद्राभिषेक तथा 6:30 बजे ह.भ.प. दर्शनबुवा वझे द्वारा श्रीहनुमान जन्मोत्सव कीर्तन किया जाएगा। 16 अप्रैल को संध्या 7 बजे श्रीसत्यनारायण महापूजा के साथ इस भव्य उत्सव का समापन होगा।

 

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नवोदित एवं ख्याति प्राप्त कलाकारों की प्रस्तुति

उत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। 30 मार्च को सुबह 10 बजे हिमांशु बक्षी बांसुरी वादन करेंगे। इसके बाद, 31 मार्च को मंजिरी आलेगांवकर का गायन, 1 अप्रैल को दीप्ती कुलकर्णी का सोलो हार्मोनियम वादन, 2 अप्रैल को वृषाली मावळंकर का गायन और 4 अप्रैल को सानिया कुलकर्णी की संगीत प्रस्तुति होगी। ये सभी कार्यक्रम रात 8:30 बजे होंगे और पूरी तरह से निःशुल्क रहेंगे।

 

संस्थान के कार्यकारी विश्वस्त भरत तुळशीबागवाले ने पुणेवासियों से इस ऐतिहासिक और भव्य आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है।

 

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