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महाराष्ट्र विभिन्न क्षेत्रों में देश का नेतृत्व कर रहा है – राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन

शिवछत्रपति राज्य खेल पुरस्कारों का राज्यपाल के हाथों वितरण

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पुरस्कार विजेताओं को राज्य के खिलाड़ियों को दिशा दिखाने की जिम्मेदारी – मुख्यमंत्री

शकुंतला खटावकर और प्रदीप गंढे को जीवनगौरव पुरस्कार से सम्मानित

पुणे. महाराष्ट्र ने उद्योग, शिक्षा, सामाजिक सुधारों और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हमेशा देश का नेतृत्व किया है, यह विचार राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में सफलता के लिए बच्चों को कम उम्र से ही खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना आवश्यक है।

पुणे के बालेवाड़ी स्थित शिवछत्रपति क्रीड़ा संकुल में आयोजित शिवछत्रपति राज्य खेल पुरस्कार 2022-23 और 2023-24 के वितरण समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, खेल मंत्री दत्तात्रय भरणे, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, अन्य मंत्री, विधायक और अधिकारीगण उपस्थित थे।

इस वर्ष का जीवनगौरव पुरस्कार 2022-23 वरिष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी प्रदीप गंधे को और 2023-24 का जीवनगौरव पुरस्कार पूर्व राष्ट्रीय महिला कबड्डी खिलाड़ी एवं आयोजिका शकुंतला खटावकर को प्रदान किया गया।

राज्यपाल ने कहा कि आज खेल केवल शारीरिक नहीं, बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी अत्यंत प्रतिस्पर्धात्मक हो गए हैं। हमें अपने बच्चों को स्कूल स्तर से ही खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि महानगरों में खुली जगहों की कमी को देखते हुए स्कूल और कॉलेज स्थानीय मैदानों और क्लबों के सहयोग से खेल सुविधाएं उपलब्ध करा सकते हैं।

राज्यपाल ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में 2036 के ओलंपिक के आयोजन के प्रयास कर रहे हैं और महाराष्ट्र को इस दिशा में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जुड़ा यह पुरस्कार अपने आप में एक सम्मान है। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं से आह्वान किया कि वे भविष्य के खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करें और राज्य को हर खेल में प्रथम स्थान पर लाने का संकल्प लें।

उन्होंने शकुंतला खटावकर और प्रदीप गंधे की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन दोनों ने अपने-अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि अच्छे खिलाड़ियों को जरूरत पड़ने पर विदेशी कोच और सपोर्ट स्टाफ की भी सुविधा दी जाती है।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि पहली बार एक महिला प्रशिक्षक को जीवनगौरव पुरस्कार प्रदान किया गया है, जो गौरव की बात है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि शिवछत्रपति खेल पुरस्कार उसी वर्ष दिए जाएं और खेल विभाग को इसके लिए निर्देश दिए हैं।

कार्यक्रम में कुल 159 पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें जीवनगौरव, दिव्यांग खिलाड़ी, खिलाड़ी, थेट पुरस्कार, उत्कृष्ट मार्गदर्शक (जिजामाता पुरस्कार), साहसी खेल पुरस्कार आदि शामिल थे। खेल मंत्री दत्तात्रय भरणे ने बताया कि राज्य सरकार ने 5% सरकारी नौकरियां खिलाड़ियों के लिए आरक्षित की हैं और अब तक 128 खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति दी गई है।

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