शहरों का चेहरा बदला तो 50% लोगों को मिलेगा बेहतर जीवन”_मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
'पुणे अर्बन डायलॉग - चुनौतियाँ और समाधान' कार्यक्रम का भव्य उद्घाटन

पुणे.आज महाराष्ट्र की 50 प्रतिशत आबादी 500 शहरों में रहती है और शेष 40,000 आबादी गांवों में रहती है। यदि हम शहरों की सूरत बदल सकें तो हम 50 प्रतिशत आबादी को बेहतर जीवन मुहैया करा सकते हैं। या विचार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘पुणे शहरी संवाद’ जैसा विचार-मंथन सत्र आवश्यक है। हम शहरों का चेहरा बदल सके, तो हम आधी आबादी को उत्तम जीवन दे सकते हैं। इसके लिए ‘पुणे अर्बन डायलॉग’ जैसे विचार-मंथन आवश्यक हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस यशदा, बर्वे चैरिटेबल ट्रस्ट, इंटरनेशनल सेंटर और पुणे महानगरपालिका के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘पुणे अर्बन डायलॉग- चुनौतियाँ और समाधान’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। इस अवसर पर उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल, नगर विकास राज्य मंत्री माधुरी मिसाल, विधायक भीमराव तापकीर, विजय शिवतारे, बापूसाहेब पठारे, हेमंत रासने, पूर्व मुख्य सचिव डॉ. नितिन करीयर, विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, यशदा के महानिदेशक निरंजन सुधांशु, पुणे मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले, पिंपरी-चिंचवड मनपा आयुक्त शेखर सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए) का पूर्ववर्ती मास्टर प्लान रद्द कर पहले सड़क नेटवर्क विकसित करने और नगर रचना योजनाओं के प्रभावी उपयोग का विचार किया जा रहा है। भविष्य के पुणे को आकार देने के लिए बड़े मार्गों का निर्माण अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि महानगरों में एकीकृत यातायात प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। मुंबई में एक टिकट पर लोकल ट्रेन, मेट्रो, मोनोरेल और वॉटर टैक्सी सेवाएं उपलब्ध होंगी, ताकि यात्री अपने गंतव्य तक बिना कठिनाई पहुँच सकें। इसकी पहली चरण की शुरुआत अगले छह महीनों में मुंबई में होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए गूगल के साथ करार कर सिग्नल सिमुलेशन की योजना बनाई गई है। पुणे में मेट्रो सेवा को मजबूत करने के लिए फीडर सेवाओं के जरिए पीएमपीएमएल बस सेवा को जोड़ा जाएगा। इसके लिए पुणे एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण (पुमटा) की स्थापना की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में 17 क्षेत्रीय विकास योजनाएँ बनाकर विकास का मार्ग प्रशस्त किया गया है। अब बढ़ते शहरीकरण के बीच नगरपालिकाओं और नगर परिषदों के लिए सुव्यवस्थित नियोजन आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि यदि नियोजन न हो तो शहरीकरण अव्यवस्थित होकर झुग्गी-झोपड़ियाँ, अवैध अतिक्रमण, और मूलभूत सुविधाओं का संकट उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ग्रीनफील्ड शहरों की संख्या कम है, इसलिए मौजूदा शहरों में नए बुनियादी ढांचे का विकास करना अनिवार्य है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि विकास योजनाएँ तभी सफल होंगी जब उनके क्रियान्वयन के लिए मजबूत ढांचा, वित्तीय प्रबंधन और इच्छाशक्ति होगी।
“विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से मिलेगा नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ“
नगर विकास राज्यमंत्री माधुरी मिसाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विकास योजनाओं को मंजूरी दी गई है और शेष योजनाओं को भी शीघ्र मंजूरी दी जाएगी। नगर नियोजन में स्वच्छता, जलापूर्ति, यातायात, पर्यावरण, प्रदूषण, मलजल और ठोस कचरा प्रबंधन, झुग्गी पुनर्वास जैसी आवश्यक बातों को शामिल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विकास आराखडों में ‘अर्बन डिजाइनिंग’ की अवधारणा को भी शामिल किया जाएगा। स्वच्छ और सुंदर शहर के लिए अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर सख्ती से रोक लगानी होगी।
तेजी से हो रहे शहरीकरण से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान जरूरी“
कार्यक्रम में डॉ. करीर ने कहा कि तेजी से हो रहे शहरीकरण के चलते उत्पन्न समस्याओं पर मंथन करना और उनके समाधान खोजना बेहद आवश्यक है। शहरीकरण के फायदे और दबाव को संतुलित करना समय की मांग है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने स.गो. बर्वे ट्रस्ट की वेबसाइट का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मृतक पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी गई। आभार प्रदर्शन पुणे मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले ने किया।