ताजा खबरपुणे

मोबाइल युग में संस्कार केंद्रों की अत्यंत आवश्यकता : विधायक हेमंत रासने

Spread the love

 

कसबा संस्कार केंद्र का 40वां स्थापना दिवस एवं ‘कसबा कार्य गौरव पुरस्कार’ वितरण समारोह संपन्न

पुणे। विधायक हेमंत रासने ने कहा कि आज के मोबाइल और इंटरनेट युग में बच्चों के चरित्र निर्माण और सांस्कृतिक विकास के लिए संस्कार केंद्रों की अत्यंत आवश्यकता है। ऐसे केंद्रों के माध्यम से भावी पीढ़ी को सक्षम और सुसंस्कृत बनाया जाता है। कसबा संस्कार केंद्र बीते 40 वर्षों से यह कार्य निरंतर कर रहा है, जो अत्यंत सराहनीय और प्रेरणादायक है।

यह विचार उन्होंने श्रुतिसागर आश्रम, फुलगांव द्वारा संचालित कसबा संस्कार केंद्र के 40वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘कसबा कार्य गौरव पुरस्कार’ वितरण समारोह में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सदाशिव पेठ स्थित उद्यान प्रसाद कार्यालय में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर अक्षय शहापूरकर, क्षितिजा आगाशे और विनोद आढाव को ‘कसबा कार्य गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। वहीं, ‘कसबा गौरव पुरस्कार’ क्रीड़ापटु एवं शास्त्रीय नृत्यांगना गायत्री शेजवलकर को तथा बाल गौरव पुरस्कार साहसी खिलाड़ी शिवांश कर्डे और निष्ठा जाबरे को प्रदान किया गया।

पुरस्कार स्वरूप में सभी को सन्मानपत्र, स्मृतिचिन्ह, शाल और श्रीफल भेंट किए गए।

समारोह में प्रमुख रूप से सामाजिक कार्यकर्ता मिलिंद एकबोटे, भाजपा पुणे शहर की उपाध्यक्ष स्वरदा बापट, संदीप लचके, गायक संदीप पाटील, प्रल्हाद गवळी, अनिल दिवाणजी, अनघा दिवाणजी, सारिका पाटणकर, अपेक्षा राऊत, समृद्धि जाजू, प्रीति नायकवाडी, पियुष शाह, किरण सरदेशपांडे, दिव्या राऊत, वसुधा वडके, अर्थव सरमहाले, रूपेश कुलकर्णी, दिशा पिगले सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।

कार्यक्रम में मिलिंद एकबोटे ने कहा कि ऐसे संस्कार केंद्रों से पुणे शहर की पुण्यभूमि और अधिक पावन बनती जा रही है। इन केंद्रों से निकली पीढ़ी देश के लिए शक्तिशाली स्तंभ बनेगी। पुरस्कारों से युवाओं को प्रेरणा मिलती है और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

संस्थान के प्रमुख अनिल दिवाणजी ने बताया कि संस्थान द्वारा ‘बालसंस्कार केंद्र’ का संचालन बच्चों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों के निर्माण हेतु किया जाता है। हर वर्ष प्रतिभाशाली युवाओं को सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाया जाता है।

इस अवसर पर विविध स्पर्धाओं के पुरस्कार भी वितरित किए गए एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन अनिल दिवाणजी, अनघा दिवाणजी, समृद्धि जाजू एवं चैताली सरमहाले ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button