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ज्येष्ठ कथकगुरु पं. मनीषा साठे का न्यूज़ीलैंड में ‘नृत्य संवाद’!

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पुणे . ‘मनीषा नृत्यालय’ के सुवर्ण महोत्सव के उपलक्ष्य में ‘शांभवीज इंटरनॅशनल स्कूल ऑफ कथक’ द्वारा न्यूज़ीलैंड में ‘नृत्य संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में कथकगुरु पं. मनीषा साठे और उनकी पुत्री शांभवी दांडेकर कथक नृत्य की प्रस्तुति देंगी। यह कार्यक्रम 16 मई 2025 को ऑकलैंड परफॉर्मिंग आर्ट सेंटर (ऑकलैंड), 24 मई को वेलिंग्टन और 25 मई को क्राइस्टचर्च में आयोजित किया जाएगा। कथक नृत्य क्षेत्र में योगदान के लिए पं. मनीषा साठे का सम्मान भी न्यूज़ीलैंड में बसे भारतीय समुदाय की ओर से किया जाएगा। ‘मनीषा नृत्यालय’ के सुवर्ण महोत्सव के अवसर पर भारत और विदेशों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, और यह न्यूज़ीलैंड यात्रा उनमें से एक है।

पं. मनीषा साठे… नृत्यार्पित जीवन यात्रा

मनीषा साठे ने कथक नृत्य की शिक्षा पुणे में बाल्यकाल में पं. बाळासाहेब गोखले से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने मुंबई में पं. गोपीकृष्ण के मार्गदर्शन में आगे की शिक्षा ली। अपने लंबे और समृद्ध करियर में उन्होंने सवाई गंधर्व भीमसेन संगीत महोत्सव, खजुराहो नृत्य महोत्सव, शनिवारवाड़ा नृत्य महोत्सव, लखनऊ नृत्य महोत्सव, गुवाहाटी का कामाख्या महोत्सव, मुंबई के नेहरू सेंटर और टाटा थिएटर सहित भारत के विभिन्न स्थानों पर कथक प्रस्तुतियाँ दी हैं। भारत के बाहर उन्होंने अमेरिका, चीन, बहरीन, स्विट्ज़रलैंड, स्वीडन, जापान आदि देशों में भी कार्यक्रम किए हैं।

कथक में आधुनिक संगीत और वर्ल्ड म्युज़िक का प्रयोग करना उनकी विशेषता है। उन्होंने जापानी संगीत के साथ भी कथक प्रस्तुत किया है। जापानी संगीतकार और ताईको वादक यासुहितो ताकीमोतो के साथ उन्होंने पिछले 15 वर्षों में कई फ्यूजन प्रस्तुतियाँ दी हैं। मनीषा साठे ने ‘सरकारनामा’ और ‘वारसा लक्ष्मीचा’ जैसी फिल्मों के लिए भी नृत्य निर्देशन किया है। उन्हें महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार और अल्फा टीवी पुरस्कार समारोहों में श्रेष्ठ नृत्य निर्देशक का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वे ‘मनीषा नृत्यालय ट्रस्ट’ नामक संस्था के माध्यम से कथक की शिक्षा देती हैं। उनकी कई छात्राओं को भारत सरकार के सांस्कृतिक विभाग की छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है।

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