21वें राष्ट्रीय ललित कला महोत्सव का समापन समारोह धूमधाम से सम्पन्न हुआ
कलाकार को अपनी कला को निरंतर प्रस्तुत करते रहना चाहिए - राज्य मंत्री माधुरी मिसाल

भारत के 18 राज्यों से 4000 कलाकारों ने लिया भाग
पुणे.अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ, पुणे और यूनेस्को द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 21वें राष्ट्रीय भारतीय ललित कला महोत्सव का आयोजन पंडित जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक भवन, शिवाजीनगर में बड़े उत्साह के साथ किया गया। इस महोत्सव में भारत के 18 राज्यों से 4000 कलाकारों ने भाग लिया। भारतीय शास्त्रीय नृत्य, भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, कथकली, ओडिसी, हिंदुस्तानी कर्नाटक गायन और विभिन्न प्रकार के संगीत वाद्ययंत्रों सहित कुल 1,400 कलाएं प्रस्तुत की गईं।
इस अवसर पर विजेताओं को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वायलिन वादक पंडित अतुलकुमार उपाध्याय ने स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यमंत्री माधुरी मिसाल, हेमंत वाघ, अभिनेत्री व नृत्य कोरियोग्राफर अनुपमा सत्यांजलि, प्रसिद्ध गायिका बुलबुल बोस, संगीत विदुषी स्नेहा पेठकर, नृत्यांगना अनुपमा मोहन सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
मिसाल ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध पुणे शहर में पिछले दो दशकों से इस तरह का राष्ट्रीय स्तर का महोत्सव आयोजित हो रहा है। यह सराहनीय है। कला में कोई प्रथम या द्वितीय नहीं होता। कलाकार को अपनी कला को निरंतर प्रस्तुत करते रहना चाहिए। इस महोत्सव में देशभर से हजारों कलाकारों ने भाग लिया। पुणेवासियों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य के विभिन्न रूप देखने को मिले।
वरिष्ठ नृत्यांगना अनुपमा मोहन (केरल), बुलबुल बोस (पश्चिम बंगाल), संगीता चाकी (सिलीगुड़ी) स्नेहा पेटकर (महाराष्ट्र), तमन्ना नायर (महाराष्ट्र मुंबई), विजया काले (महाराष्ट्र पुणे), मृदुला अद्वातकर (महाराष्ट्र पुणे) ने परीक्षक की भूमिका निभाई। अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ की अध्यक्ष रत्ना वाघ ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संजय भुजबल ने किया।
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कलाकारों को थाईलैंड और पटाया जाने का मौका मिलेगा – हेमंत वाघ
इस महोत्सव में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की कलात्मक योग्यताओं और सांस्कृतिक नृत्य, संगीत, धुन, लय, राग और भाव जैसी विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं अपनाने वाले कलाकारों को देखने के बाद विजेता घोषित किया गया। हेमंत वाघ ने बताया कि उक्त कलाकारों को थाईलैंड और पटाया में मौका दिया जाएगा।