बैंकें करें आर्थिक साक्षरता मेलों का आयोजन – जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी”

पुणे . बदलते समय में नागरिकों के साथ हो रही आर्थिक ठगी को रोकने के लिए बैंकों को चाहिए कि वे सायबर सेल की मदद लेकर एक ठोस कार्ययोजना तैयार करें, ऐसे निर्देश पुणे जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के लाभ, साइबर अपराधों की जानकारी और जागरूकता के लिए बैंकों को आर्थिक साक्षरता मेले आयोजित करने चाहिए।
जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित जिला स्तरीय बैंकर्स समीक्षा बैठक में श्री डुडी बोल रहे थे। इस अवसर पर भारतीय रिजर्व बैंक के सहायक महाप्रबंधक भूषण लगाटे, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उपमहाप्रबंधक रामचंद्र रागिरी, पुणे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिरुद्ध देसाई, जिला उद्योग केंद्र की महाव्यवस्थापक अर्चना कोठारी, अग्रणी बैंक प्रबंधक योगेश पाटील सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा बैंक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
डुडी ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना और पीएम विश्वकर्मा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्रियान्वयन जिले में हो रहा है। इन योजनाओं के तहत ऋण के लंबित मामलों को समयबद्ध रूप से स्वीकृत किया जाए ताकि कोई पात्र लाभार्थी वंचित न रह जाए।
उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र व राज्य शासन की योजनाओं और महामंडलों द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचे, इसके लिए 5 अगस्त को सभी बैंक शाखा प्रबंधकों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की जाए। साथ ही सभी बैंकों को दिसंबर 2025 तक अपने लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में ठोस प्रयास करने के निर्देश भी दिए।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि बैंकों को यदि शाखा के लिए स्थान की आवश्यकता है तो प्रस्ताव मिलने पर प्रशासन की ओर से जगह उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही “उमेद अभियान” की तर्ज पर ऋण वितरण के लिए डिजिटल प्रणाली विकसित करने का विचार करने का सुझाव भी उन्होंने दिया।
सामाजिक सुरक्षा कवच की ओर कदम
आरबीआई के अधिकारी भूषण लगाटे ने कहा कि जनधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना जैसे कार्यक्रमों के तहत हर नागरिक को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना आवश्यक है। इसके लिए सभी बैंकों को गांव स्तर पर सक्रिय होकर 100% भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
117% वार्षिक ऋण वितरण लक्ष्य हासिल
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जिले का ऋण वितरण लक्ष्य 3.53 लाख करोड़ रुपये तय किया गया था, जिसके विरुद्ध बैंकों ने 117% लक्ष्य प्राप्त किया। विशेष रूप से 6,370 करोड़ रुपये के फसल ऋण लक्ष्य की तुलना में 7,920 करोड़ रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड ऋण वितरित किया गया। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए 52,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य की तुलना में 61,885 करोड़ रुपये का कर्ज वितरण कर 119% लक्ष्य प्राप्त हुआ।
2025-26 के लिए नया लक्ष्य तय
आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3.62 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक ऋण वितरण लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें 7,300 करोड़ रुपये फसल ऋण और 65,200 करोड़ रुपये एमएसएमई क्षेत्र के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस अवसर पर “वार्षिक ऋण योजना पुस्तिका 2025-26” का प्रकाशन जिलाधिकारी डुडी के हाथों किया गया।
अंत में अग्रणी बैंक प्रबंधक योगेश पाटील ने बैठक में डिजिटल प्रस्तुतीकरण के माध्यम से योजना की जानकारी दी।