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सरकार की नीति स्पष्ट, ओबीसी समाज के अधिकारों से कोई समझौता नहीं : मुख्यमंत्री फडणवीस

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पुणे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की नीति एकदम स्पष्ट और दृढ़ है। किसी एक समाज का हक छीनकर दूसरे समाज को देने का काम नहीं होगा और न ही किसी दो समाजों के बीच टकराव निर्माण किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि मराठा समाज को आरक्षण देने के निर्णय से ओबीसी समाज के हक प्रभावित नहीं होंगे।

पुरंदर तालुका में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “मराठा समाज के हितों पर विचार करते समय ओबीसी समाज के साथ कोई अन्याय न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया और उसी अनुसार निर्णय लिया गया है।”

उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेजों की “फूट डालो और राज करो” की नीति के विपरीत, महाराष्ट्र सरकार सभी समाजों को साथ लेकर चलने के लिए कटिबद्ध है। मराठवाड़ा क्षेत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि उस समय वहाँ अंग्रेजों का शासन नहीं बल्कि निजाम का शासन था। इसी कारण अंग्रेजी शासनकाल के रिकॉर्ड वहाँ उपलब्ध नहीं हैं। वहाँ के सारे दस्तावेज़ हैदराबाद गजट में दर्ज हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि हैदराबाद गजट में दर्ज नोंदी (रिकॉर्ड) भी जाति प्रमाणपत्र के लिए मान्य मानी जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जाति प्रमाणपत्र केवल उसी व्यक्ति को मिलेगा जिसके पास वैध व प्रामाणिक नोंद होगी। “सरसरी तौर पर प्रमाणपत्र नहीं दिया जाएगा, परंतु जिनके पास सही प्रमाण होंगे, उन्हें लाभ अवश्य मिलेगा। कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित नहीं रहेगा।”

मुख्यमंत्री फडणवीस ने पुनः विश्वास दिलाया कि, “ओबीसी समाज के थाली से एक भी अंश सरकार ने निकाला नहीं है और भविष्य में भी ऐसा कभी नहीं होगा।”

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