
पुणे .नियम एवं कानून के तहत पंजीकृत कर खरीदे गए फ्लैट पर कर्ज होने के बावजूद आरोपियों ने जानबूझकर सांठगांठ और जालसाजी की तथा फ्लैट पर किसी तरह का कोई कर्ज ना होने की बात कहकर धोखाधड़ी की। इसलिए आरोपियों के खिलाफ तथा मुझे परेशान करने वाले फाइनेन्स कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। फाइनेन्स कंपनी की ओर आरोपियों की गिरवी रखी गई हाॅस्पिटल की करीब ५१ करोड़ रुपये कीमत की इमारत को जप्त करते हुए अपने पैसे वसूल करें, लेकिन मेरे फ्लैट को इस दुष्टचक्र में न लाएं तथा मेरे परिवार को बेघर ना करें। यह मांग पुणे के प्रतिष्ठित व्यापारी तथा वरिष्ठ नागरिक हरिप्रकाश अग्रवाल ने एक प्रेस वार्ता में की।
हरीप्रकाश अग्रवाल आगे बताया कि, इस समय वे फ्लैट नं. बी-२०१, बी-विंग, श्री वेंकटेश रेसिडेन्सी, सर्वे नं. ९८, प्लाॅट नं. ४९, ५० कोथरुड, पुणे -४११०३८ में रहते हैं। मैंने सालों की अपनी ईमादारी के किए काम की जमापूंजी खर्च कर २७-०५-२०२२ को दिनेश रामदास किरवे से रु. ६४,००,०००/- (रुपये चौंसठ लाख मात्र) देकर ९२५ स्क्वेयर फीट आकार का एक फ्लैट (पता – फ्लैट नं. बी-२०१, बी-विंग, श्री वेंकटेश रेडिसेन्सी कोथरुड पुणे) अधिकृत तौर पर नियम-कानूनों के तहत खरीदा और इस समय मैं इसी फ्लैट में ेरहता हूं।
फ्लैट की तय की गई कीमत को मैंने फ्लैट मालिक दिनेश रामदास किरवे (रा. मु. पो. कुडाल, ता. जावली, जि. सातारा – ४१२८०३) को अदा की है। यह फ्लैट खरीदते समय फ्लैट के मालिक दिनेश किरवे ने मुझे बताया कि, फ्लैट पर किसी भी तरह का बैंक या फाइनेन्स कंपनी का कर्ज नहीं है। इस संदर्भ में यकिन दिलाने के लिए उन्होंने मुझे उनके वकील एड. सुमेध कुलकर्णी द्वारा तैयार किए गए फ्लैट का सर्च रिपोर्ट भी दिखाया। इस सर्च रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर लिखा गया था कि, फ्लैट पर किसी तरह का बैंक का कर्ज या फाइनेन्स नहीं है।
तत्पश्चात मैंने फ्लैट खरीदा। यह खरीद पंजीकृत होने के बाद अचानक १ जुलाई २०२२ को मुझे एक नोटीस प्राप्त हुआ और हवेली तहसील के कार्यकारी न्यायाधीश / निवासी नायब तहसीलदार मेरे घर पर आए और उन्होंने फ्लैट फाइनेन्स कंपनी के पास गिरवी होने की बात बताई। यह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई और मुझे काफी धक्का लगा। मुझे अधिकारियोंन ने बताया कि, फ्लैट पर फिनिक्स एआरसी प्रा. लि. कंपनी का कर्ज है। इसके साथ ही फ्लैट की पुरानी मालकिन सुनंदा जगताप ने यह कर्ज अदा ना करने की स्थिति के चलते पुणे जिलाधिकारी के दिशानिर्देशानुसार कर्ज की वसुली के लिए हवेली तहसील के कार्यकारी न्यायाधीश / निवासी नायब तहसीलदार घर कब्जे में लेने के लिए आए है।
तत्पश्चात मैंने पड़ताल की तो पता चला कि, फ्लैट की पहले की मालकिन सुनंदा जगताप (नि. २८०/१, २, धनगर वाड़ी, शिरवल, खंडाला, जि. सातारा – ४१५००२) तथा दिनेश किरवे दोनों ने सांठगांठ कर फिनिक्स एआरसी प्रा. लि. द्वारा उनके अपने हाॅस्पिटल की इमारत के लिए १७ से १८ करोड़ का कर्ज लिया है। इसमें उन्होंने मेरे फ्लैट को भी गिरवी रखा हुआ है। लेकिन सुनंदा जगताप और दिनेश किरवे ने यह बात जानबुझकर मुझसे छुपाए रखी और मेरे साथ धोखाधड़ी की।
हालांकि, आरोपी सुनंदा जगताप और दिनेश किरवे ने फिनिक्स एआरसी प्रा. लि. कंपनी के साथ जो भी आर्थिक लेन-देन किया है, उससे मेरा कोई संबंध नहीं है। मैंने तो नियम-कानूनों के तहत फ्लैट खरीदा है। सुनंदा जगताप और दिनेश किरवे ने जो भी लोन लिया है उसे वसूलने के लिए फिनिक्कस एआरसी प्रा. लि. उनकी हाॅस्पिटल की गिरवी रखी गई इमारत को जब्त करें जिसकी आज की कीमत ५१ करोड़ है। इस इमारत को वे जब्त करें और अपने पैसे वसूलें। लेकिन इस मामले मेरे फ्लैट को बेवजह घसीटने का काम ना करें तथा मुझे और मेरे परिवार को बेघर करने का काम ना करें। लेकिन आरोपियों के साथ- फाइनेन्स कंपनी की सांठगांठ होने की संभावना के चलते फाइनेन्स कंपनी बेवजह मुझे परेशान कर रही है। फाइनेन्स कंपनी को आरोपियों से जो रकम वसूलनी है वह करोड़ों में हैं, जबकि मेरे फ्लैट की कीमत मात्र ६४ लाख रुपये हैं। इस मामले में मेरे साथ धोखाधड़ी करने के लिए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हों।
इस मामले में मैने राज्य के मुख्यमंत्री मा. देवेंद्रजी फडणवीस, उपमुख्यमंत्री मा. अजितदादा पवार, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री मा. चंद्रकांतदादा पाटिल और केंद्रीय नागरी उड्डयन एवं सहकारिता राज्यमंत्री मा. मुरलीधरअण्णा मोहोल, जिल्हाधिकारी पुणे एवं पोलिस आयुक्त पुणे की ओर निवेदन देकर न्याय की मांग की है। जल्द से जल्द मुझे न्याय अगर नहीं मिला तो आने वाले समय में मैं लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करूंगा, ऐसी चेतावनी अग्रवाल ने इस प्रेस वार्ता में दिया।