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ये दुनिया श्रमिकों की कड़ी मेहनत से बनी है – श्रीपाल सबनीस

महाराष्ट्र संतों, योद्धाओं, मेहनतकशों और श्रमिकों की भूमि है - उल्हासदादा पवार

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 श्रमिक ही संसार के निर्माता हैं – श्रीपाल सबनीस

पुणे.महाराष्ट्र संतों, योद्धाओं, परिश्रमी और श्रमिकों की भूमि है। संयुक्त महाराष्ट्र के संघर्ष में 106 आंदोलनकारी शहीद हो चुके हैं। इन शहीदों के बलिदान और मराठी जनता के आंदोलन के कारण 1960 में मुंबई सहित अखंड महाराष्ट्र की स्थापना हुई। यह प्रतिपादन वरिष्ठ विचारक उल्हासदादा पवार ने किया।

विश्व मजदूर दिवस और महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र राज्य कामगार सुरक्षा दल और झोपड़पट्टी सुरक्षा दल ने अपने संगठनों के माध्यम से अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लगातार और आक्रामक रूप से लड़ाई लड़ी, है। ऐसे कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता उल्हास दादा पवार ने की कार्यक्रम के आयोजक भगवानराव वैराट थे।

इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. श्रीपाल सबनीस को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्रमिक नेता राजन नायर को नारायण लोखंडे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार स्वरूप एक शॉल, एक श्रीफल और एक सम्मान चिह्न दिया गया।

श्रीपाल सबनीस ने कहा कि यह सृष्टि श्रमिकों की कड़ी मेहनत से निर्मित हुई है। श्रमिक विश्व के निर्माता हैं, यही कारण है कि 1 मई को इतिहास रचने वाले श्रमिकों की कड़ी मेहनत और उनके द्वारा अपनाए गए एकजुटता के दर्शन को याद करना और उन्हें श्रद्धांजलि देना महत्वपूर्ण है। संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन बहुत बड़ा था। इस आंदोलन में कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। मुझे सचमुच गर्व है कि मुझे इस दिन महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

राजन नायर ने कहा कि देश के लिए महाराष्ट्र का योगदान बहुत बड़ा है। महाराष्ट्र में मजदूर आंदोलन से सभी परिचित हैं। पुणे का औद्योगिक शहर पिंपरी-चिंचवाड़ कई बेरोजगार लोगों को काम उपलब्ध किया है और कर रहा है।  मुझे नारायण लोखंडे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुझे इस पर गर्व है !कार्यक्रम की प्रस्तावना भगवानराव वैराट ने की तथा सूत्रसंचालन के.बी. गायकवाड़ ने किया।

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 हां, हमने इस भूमि को समृद्ध बनाया है – भगवानराव वैराट*

महाराष्ट्र की धरती के बारे में जितना इतिहास ज्ञात है। यह जितना संघर्ष के बारे में है, उतना ही हल के फाल के बारे में भी है। हां, हमने इस भूमि को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। और हमने उसकी रक्षा के लिए बहुत बार हथियार उठा लिये है ! 

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