
पुणे। अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे दोषी अधिकारियों पर अब किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। निलंबन के बाद उन्हीं को उसी पद पर पुनः नियुक्त करना उनके दोष पर परदा डालने जैसा है। ऐसी गंभीर चूक करने वाले अधिकारियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश परिवहन मंत्री तथा एसटी महामंडल के अध्यक्ष प्रताप सरनाईक ने पुणे दौरे के दौरान स्वारगेट बस स्थानक की अचानक की गई निरीक्षण यात्रा में दिए।
मंत्री सरनाईक ने कहा कि फरवरी 2025 में स्वारगेट बस स्थानक पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से पूरा राज्य हिल गया था। उस समय वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला किया गया और स्वारगेट के वरिष्ठ आगार प्रबंधक, कनिष्ठ आगार प्रबंधक तथा दो सहायक यातायात अधीक्षकों को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई थी। इस संबंध में विधान भवन में मैंने स्वयं निवेदन किया था। लेकिन बाद में दोषी पाए गए अधिकारियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें दोबारा उसी पद पर नियुक्त कर दिया गया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि निष्पक्ष विभागीय जांच सुनिश्चित करने के लिए दोषी अधिकारियों का तबादला अन्यत्र किया जाना आवश्यक था। किंतु प्रादेशिक प्रबंधक ने उन्हें वही पर पुनः नियुक्त किया, जो नियम विरुद्ध है। इससे यह संदेश गया कि दोषियों को संरक्षण दिया जा रहा है और विधान मंडल में दिए गए आश्वासन की अवहेलना हुई है। इसलिए संबंधित प्रादेशिक प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी की जाएगी और निलंबन के बाद पुनः स्वारगेट में नियुक्त किए गए अधिकारियों का तत्काल अन्यत्र तबादला किया जा रहा है।
स्वारगेट बस स्थानक के निरीक्षण के दौरान श्री. सरनाईक ने यात्री प्रतीक्षालय, शौचालय, चालक-परिचालक विश्राम गृह आदि की भी समीक्षा की। उन्होंने यात्रियों और कर्मचारियों से संवाद साधा, उनकी शिकायतें एवं सुझाव सुने तथा अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।



