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धनंजय थोरात आदर्श कार्यकर्ता पुरस्कार घोषित,

नामदेव भोसले, सलील कुलकर्णी और मुश्ताक पटेल होंगे सम्मानित

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पुणे । धनंजय थोरात स्मृती प्रतिष्ठान की ओर से दिए जाने वाले कै. धनंजय थोरात आदर्श कार्यकर्ता पुरस्कार की घोषणा इस वर्ष सामाजिक कार्यकर्ता नामदेव भोसले, संगीतकार सलील कुलकर्णी और समाजसेवी मुश्ताक पटेल के नाम घोषित की गई है।

प्रतिष्ठान के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक मोहन जोशी ने कांग्रेस नेता व पूर्व नगरसेवक कै. धनंजय थोरात की 18वीं पुण्यतिथि पर इन पुरस्कारों की घोषणा की।

मुख्य पुरस्कार नामदेव भोसले को दिया जाएगा, जिसमें 25 हजार रुपये नकद, स्मृतिचिह्न, शाल और श्रीफल शामिल हैं। वहीं सलील कुलकर्णी और मुश्ताक पटेल को 11 हजार रुपये नकद, स्मृतिचिह्न, शाल और श्रीफल प्रदान किए जाएंगे।

नामदेव भोसले

दौंड तालुका, पुणे जिले के कानगांव में बेहद गरीब परिवार में जन्मे नामदेव भोसले (जन्म 22 फरवरी 1977) ने पारधी समाज और आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए असाधारण कार्य किए हैं।
उन्होंने करीब 1,700 पारधी और आदिवासी लोगों को अपराध के कलंक से मुक्त कर, उनके लिए घर बनवाए, सरकारी कागजात उपलब्ध कराए और स्वाभिमान से जीने का मार्ग दिखाया।
भोसले ने पुलिस और पारधी समाज के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए प्रयास किए। अकेली महिलाओं और उनके बच्चों की शिक्षा हेतु सहयोग किया और महिला समिति का गठन किया।
उन्होंने 3,460 गरीब और बेवारस मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए भूमि उपलब्ध कराई, 545 घर से भागी हुई आदिवासी लड़कियों को परिवार से मिलवाकर उनका विवाह कराया, अंधविश्वास के खिलाफ जनजागृति की और 5 लाख पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया। कोरोना काल में उन्होंने 11 हजार गरीब परिवारों को राशन उपलब्ध कराया।

सलील कुलकर्णी

प्रख्यात गायक, संगीतकार और लेखक सलील कुलकर्णी नई पीढ़ी के प्रमुख संगीतकारों में गिने जाते हैं। उन्होंने हिंदी और मराठी गीतों को संगीतबद्ध किया है। कवी संदीप खरे के साथ उनका कार्यक्रम “आयुष्यावर बोलू काही” के 1000 से अधिक प्रयोग हुए। टीवी संगीत स्पर्धाओं में उन्होंने परीक्षक की भूमिका निभाई और कई नवोदित गायक कलाकारों को मार्गदर्शन दिया। लेखन और पत्रकारिता में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है।

मुश्ताक पटेल

पुणे के प्रसिद्ध समाजसेवी मुश्ताक पटेल पिछले 30 वर्षों से सामाजिक और धार्मिक सद्भावना के लिए कार्यरत हैं।
आषाढ़ी वारी के दौरान पुणे में ठहरने वाले वारकऱ्याओं को अपने स्थान पर ठहरने की सुविधा देना, सेवाभाव से शीरकुर्मा और सूखे मेवों का प्रसाद वितरित करना, ऐसे अनेक उपक्रम वे लगातार करते आ रहे हैं।

यह पुरस्कार समारोह पुणे में धूमधाम से आयोजित किया जाएगा।

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