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“फोटोग्राफर न होते तो देश का इतिहास कभी पता नहीं चलता” – सांसद प्रणिति शिंदे

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पुणे। “अगर फोटोग्राफर न होते तो देश का इतिहास कभी सामने नहीं आता। तस्वीरों के जरिए देश का इतिहास आने वाली पीढ़ी तक पहुँचता है। इस इतिहास को संजोने और दर्ज करने की बड़ी ज़िम्मेदारी फोटोग्राफरों पर है,” ऐसा प्रतिपादन सांसद प्रणिति शिंदे ने किया।

गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में पुणे फेस्टिवल और पुणे श्रमिक पत्रकार संघ के संयुक्त उपक्रमांतर्गत पुणे के विभिन्न समाचारपत्रों के 45 फोटोग्राफरों द्वारा खींची गई लगभग 300 तस्वीरों की प्रदर्शनी बालगंधर्व कलादालन में आयोजित की गई है। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन बुधवार को वरिष्ठ गांधीवादी विचारक उल्हास पवार और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्र-कुलगुरू प्रा. डॉ. पराग काळकर के हाथों हुआ। इस अवसर पर सांसद प्रणिति शिंदे प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। पुणे फेस्टिवल के उपाध्यक्ष कृष्णकुमार गोयल, मुख्य संयोजक एड. अभय छाजेड, पत्रकार संघ के अध्यक्ष ब्रिजमोहन पाटील, सरचिटणीस मंगेश फल्ले समेत पदाधिकारी उपस्थित थे।

सांसद शिंदे ने आगे कहा, “सोशल मीडिया के कारण अखबारों के फोटोग्राफरों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों की सत्यता कई बार संदिग्ध होती है, लेकिन अखबारों के फोटोग्राफरों को हर तस्वीर कैद करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। वे समाज की भावनाओं को पकड़ते हैं। कई तस्वीरें खुद बोलती हैं और यही उनकी असली कला है। आने वाली पीढ़ी जब इन तस्वीरों को देखेगी तो उसे अपना भविष्य और समाज की दिशा समझ में आएगी।”

उल्हास पवार ने कहा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश कलमाडी ने पुणे फेस्टिवल की शुरुआत की थी। यह फेस्टिवल आज दुनिया भर में प्रसिद्ध है। तस्वीरों का महत्व आज भी उतना ही है। पुणे फेस्टिवल द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी सराहनीय है।”

प्रा. डॉ. पराग काळकर ने कहा, “अखबारों के फोटोग्राफर समाज की नब्ज़ पहचानकर उसकी भावनाओं को लोगों तक पहुँचाते हैं। तस्वीरों की प्रदर्शनी होना जरूरी है।”

प्रास्ताविक पुणे फेस्टिवल के मुख्य संयोजक एड. अभय छाजेड ने किया। उन्होंने कहा, “पुणे फेस्टिवल इस वर्ष अपने 37वें साल में प्रवेश कर रहा है। इस बार पुणे श्रमिक पत्रकार संघ हमारे उपक्रम में शामिल हुआ है, जिसके चलते बड़ी संख्या में फोटोग्राफर सहभागी बने हैं। विभिन्न विषयों पर आधारित तस्वीरें इस प्रदर्शनी में लगाई गई हैं। पुणे की संस्थाओं का सहभाग और बढ़ाने के लिए हम प्रयासरत हैं।”

पत्रकार संघ के अध्यक्ष ब्रिजमोहन पाटील ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन सचिन आडेकर ने किया तथा व्यवस्था का दायित्व सचिन आडेकर और आबा जगताप ने निभाया।

यह छायाचित्र प्रदर्शनी शनिवार, 30 अगस्त तक सुबह 10 से रात 8 बजे तक बालगंधर्व कलादालन में सभी के लिए निःशुल्क खुली रहेगी।

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