आळंदी इंद्रायणी नदी घाट पर छठ महापर्व उत्साह और परंपरा के साथ आयोजन
हजारों श्रद्धालुओं ने दी वरुणराजा और सूर्य देव को अर्घ्य

फटाकों की आतिशबाजी से गूंजा आकाश
आळंदी (अर्जुन मेदनकर):पुणे के पवित्र इंद्रायणी नदी घाट पर महाराष्ट्र में बसे उत्तर भारतीय समाज ने छठ महापर्व को अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया। इंद्रायणी के तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए और व्रत, पूजा-पाठ एवं दीपदान कर भगवान सूर्य और छठी मइया की आराधना की। इस दौरान फटाकों की रंगीली आतिशबाजी और वरुणराजा की हल्की बरसात ने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया।

महापर्व के अवसर पर नारी रत्न डॉ. सुनीता पाटेसकर को उनके समाजसेवी कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थित मान्यवरों में कृष्णा खोरे विकास महामंडळाचे संचालक रामशेठ गावडे, माजी उपनगराध्यक्ष प्रशांत कुऱ्हाडे, उद्योजक सुधीर मुंगसे, डॉ. अन्नू भारद्वाज, सुधीरकुमार शर्मा, कृष्णा भारद्वाज, राकेशकुमार महतो, विनोदकुमार मिश्रा सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ते उपस्थित थे।

इस अवसर पर इंद्रायणी आरती, दीपोत्सव, दीपदान, कार्तिकी अन्नदान, आरोग्य तपासणी शिबिर जैसे धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।आरोग्य तपासणी शिबिर में श्री सत्य साई सेवा संगठन पुणे के अध्यक्ष कैप्टन गिरीश लेले, शालिनी माखीजा, सतीश कोटा आदि का विशेष सहकार्य लाभले। तीन दिन तक श्रद्धालुओं ने निर्जल उपवास रखकर मावळत्या सूर्य (अस्त होते सूर्य) और उगवत्या सूर्य (उदयमान सूर्य) को अर्घ्य अर्पित किया। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।कार्यक्रम के यशस्वी आयोजन में जगतगुरू शंकराचार्य समिति और छठ महापूजा समिति, आळंदी का विशेष योगदान रहा।
संयोजक डॉ. अन्नू कृष्णा भारद्वाज, सुधीरकुमार शर्मा, कृष्णा एस. भारद्वाज, विनोद मिश्रा, राकेशकुमार महतो, राजेश यादव आदि ने मेहनतपूर्वक नियोजन किया। इस अवसर पर विश्व श्रीराम सेना की ओर से मोशी स्थित इंद्रायणी तट पर भव्य काशी गंगा आरती का आयोजन किया गया, जिसमें काशी से आए पुजारियों ने विधिवत आरती संपन्न कराई।
संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि “राष्ट्रीय एकता से राष्ट्र विकास” के ध्येय के साथ हर वर्ष इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है।



