व्यवस्था पर विश्वास न रहने के कारण डॉ. संपदा मुंडे ने लिखा आत्महत्या का कारण’ – कांग्रेस की तीखी टिप्पणी
मुख्यमंत्री ने नहीं किया ‘कर्तव्यनिष्ठ डॉक्टर’ का उल्लेख – कांग्रेस का आरोप

‘मेडिकल जांच रिपोर्ट को लेकर दबाव न मानने पर हुआ उत्पीड़न’
पुणे, .फलटण सरकारी अस्पताल की अविवाहित (कुमारीका) डॉक्टर संपदा मुंडे की आत्महत्या ने पूरे महाराष्ट्र को झकझोर कर रख दिया है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने इस घटना को महाराष्ट्र की सुसंस्कृत परंपरा पर “काला धब्बा” बताया है। उन्होंने कहा कि “मेडिकल जांच रिपोर्ट” के संबंध में दबाव न मानने के कारण पुलिस अधिकारी द्वारा डॉ. मुंडे के साथ अत्याचार किया गया, जिससे मानसिक रूप से टूटकर उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा।
तिवारी ने कहा कि कभी देश में अग्रणी रही महाराष्ट्र पुलिस की छवि आज गिर चुकी है, क्योंकि “गृहखाता पूर्णवेळ आणि कार्यक्षमतेने” संभालने में सरकार नाकाम रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सत्ताधारी दल के समर्थन से पुलिस विभाग में ईमानदार अधिकारियों की बजाय भ्रष्ट और आपराधिक प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिल रहा है, जिसका परिणाम डॉ. मुंडे जैसी दुखद घटनाओं में सामने आ रहा है।
कांग्रेस ने कहा कि कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार डॉक्टर संपदा मुंडे की आत्महत्या समाज के विवेक को झकझोरने वाली त्रासदी है। रिपोर्ट के अनुसार, सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ प्रभावशाली नेताओं ने डॉ. मुंडे पर गलत मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाया था। लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, और जब प्रशासन व व्यवस्था से न्याय की उम्मीद टूट गई, तो उन्होंने अपने ही हाथ पर आत्महत्या का कारण लिख दिया।
गोपालदादा तिवारी ने कहा कि जिस हाथ पर मेहंदी लगनी चाहिए थी, उसी हाथ से आत्महत्या का कारण लिखना – यह महाराष्ट्र की सबसे बड़ी विडंबना है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद फलटण में होने वाले सरकारी कार्यक्रम को रद्द किया जाना चाहिए था, जिससे सरकार की संवेदनशीलता झलकती, परंतु ऐसा नहीं हुआ।
तिवारी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने डॉ. मुंडे की कर्तव्यपरायणता और ईमानदारी का उल्लेख तक नहीं किया। यह भाजपा सरकार की असंवेदनशीलता और बेपरवाह रवैये का प्रमाण है।



