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“जैन बोर्डिंग” ज़मीन की बिक्री रद्द नहीं हुई तो मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा – डॉ. कल्याण गंगवाल
न्याय न मिलने पर जैन समाज के लिए अनशन की तैयारी” – डॉ. कल्याण गंगवाल की चेतावनी

“धर्मसंस्था की विरासत पर प्रहार; न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा” – डॉ. कल्याण गंगवाल
पुणे ,प्रतिनिधि – पुणे के ऐतिहासिक जैन बोर्डिंग हाउस की ज़मीन की कथित अवैध बिक्री के कारण जैन समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है। शाकाहार, जीवदया और अहिंसा के प्रणेता माने जाने वाले डॉ. कल्याण गंगवाल ने स्पष्ट कहा कि यदि समाज को न्याय नहीं मिला, तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे।
डॉ. गंगवाल ने कहा, “यह ज़मीन केवल संपत्ति नहीं है, बल्कि यह हमारे संतों की तपस्या से पवित्र हुई है। इसका दुरुपयोग धर्मसंस्था की विरासत पर आघात करने जैसा है।”
उन्होंने कहा कि यह संघर्ष पूरी तरह अहिंसक तरीके से लड़ा जाएगा, लेकिन यदि प्रशासन ने अनदेखी की, तो वे जैन बोर्डिंग में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे। उनका कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ ज़मीन की नहीं, बल्कि जैन धर्म की आत्मा की है, और सत्य की विजय के लिए यह संघर्ष अंत तक जारी रहेगा।
जैन समाज की माँगें स्पष्ट हैं – ज़मीन की बिक्री रद्द की जाए, संबंधित लोगों पर कानूनी कार्रवाई हो, और संस्था का पुनर्गठन कर नया विश्वस्त मंडल (ट्रस्टी बोर्ड) चुना जाए। समाज का विश्वास है कि यदि न्याय मिला तो इस ऐतिहासिक संस्था की विरासत सुरक्षित रहेगी।
डॉ. गंगवाल ने बताया कि पुणे के जैन बोर्डिंग हाउस में स्थित भगवान महावीर जिनालय से उनका पिछले 40 वर्षों का गहरा संबंध है। वे नियमित रूप से मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं, और यह मंदिर उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांतों ने उन्हें संयम, करुणा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है।
डॉ. गंगवाल ने बताया कि जिलाधिकारी कार्यालय ने इस मामले की संज्ञान लिया है और संबंधित दस्तावेज़ों की जाँच शुरू कर दी है। महानगरपालिका की ओर से भी भूमि हस्तांतरण और निर्माण अनुमति की पड़ताल की जा रही है। प्रारंभिक जाँच में कुछ अनियमितताएँ सामने आई हैं, और अब आगे की कार्रवाई कानूनी सलाह के अनुसार की जाएगी।
उन्होंने चेतावनी दी कि प्रशासन यदि त्वरित कार्रवाई नहीं करता और इस ऐतिहासिक इमारत को ज़रा भी नुकसान हुआ, तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।



