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हिंदू राष्ट्र के निर्माण हेतु समर्पण भाव से योगदान दें – महंत श्री राजुदास महाराज

श्री विश्व श्रीराम सेना की ओर से मोशी में छठ पूजा का भव्य आयोजन

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छठ माई का व्रत आस्था, विश्वास और त्याग का प्रतीक – महंत श्री राजुदास महाराज

पुणे, पिंपरी (27 अक्टूबर 2025): “संत ज्ञानेश्वर माउली की ज्ञानगंगा, संत तुकाराम महाराज का संदेश और छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य है, इन सबकी प्रेरणादायी पुण्यभूमि इंद्रायणी नदी के तट पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि सनातन धर्म ही वह मार्ग है जो सभी को साथ लेकर चलता है। भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने के लिए हर व्यक्ति को समर्पण भाव से योगदान देना चाहिए।” यह विचार अयोध्या स्थित सिद्धपीठ हनुमान गढ़ी के महंत श्री श्री 1008 राजुदास महाराज ने व्यक्त की। पुणे के मोशी में छठ पूजा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।

इस अवसर पर महंत राजुदास महाराज ने कहा कि उत्तर भारत, विशेषकर बिहार में सूर्य उपासना के रूप में छठ पूजा का व्रत अत्यंत श्रद्धा और भक्ति से किया जाता है। यह व्रत केवल आस्था का नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास, त्याग और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है।गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्री विश्व श्रीराम सेना की ओर से संस्थापक डॉ. लालबाबू अंबिकालाल गुप्ता के नेतृत्व में मोशी स्थित इंद्रायणी नदी घाट पर श्री सूर्य षष्ठी महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर महंत श्री राजुदास महाराज के हस्ते इंद्रायणी माता का पूजन और गंगा आरती की गई।

कार्यक्रम में विधायक महेश लांडगे, विश्व हिंदू परिषद के सहमंत्री शंकर गायकर, पूर्व महापौर राहुल जाधव, आयोजक डॉ. लालबाबू गुप्ता, समाजसेवी पांडुरंग साने, सुधीर काळजे, निखिल बोऱ्हाडे, निलेश बोराटे, विकास पाटील, प्रमोद गुप्ता, श्याम गुप्ता, दीपक चव्हाण, विजय पाटील, संदीप साकोरे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

विधायक महेश लांडगे ने कहा, “छठ माता सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करें और मुझे शक्ति दें कि मैं हर हिंदू बहन की रक्षा के लिए तत्पर रह सकूं।”
वहीं विश्व हिंदू परिषद के सहमंत्री शंकर गायकर ने कहा, “छठ पर्व प्रकृति और समाज में एकरूपता लाने का प्रतीक है। सूर्य को अर्घ्य देकर जल और फसलों की समृद्धि की कामना की जाती है। नदी को माता का दर्जा देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाता है।” मोशी के इंद्रायणी घाट पर भोसरी, मोशी, पिंपरी, नेहरू नगर, चिंचवड़, चिंबळी, कुरुळी, कोयाळी, चिखली, आकुर्डी, आळंदी कृष्णानगर आदि क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। पारंपरिक पूजा के साथ भजन, छठ लोकगीत प्रस्तुत किए गए और महाप्रसाद का वितरण किया गया।

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