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एरोमॉडेलिंग कार्यशाला एवं शोध परियोजना प्रदर्शनी का द एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजन

'इसरो' के पूर्व चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ ने की प्रदर्शनी में सहभागी बच्चों की सराहना

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पुणे.  द एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा 73वीं वार्षिक आम सभा और ‘विकसित भारत 2047 के लिए एयरोस्पेस में चुनौतियां’ राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर छात्र केंद्रित एरोमॉडेलिंग कार्यशाला, चित्रकला, शोध परियोजना और पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था।
स्कूली स्तर की पोस्टर प्रतियोगिता में श्रद्धा रमेश प्रधान (साठे जूनियर कॉलेज, मुंबई) ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि एन. श्वेतांजलि (केंद्रीय विद्यालय, गणेशखिंड, पुणे) ने दूसरा स्थान हासिल किया। कॉलेज समूह में शाश्वती अतुल हिंगे और ज्योति नगरकर (दोनों अजिंक्य डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय) ने क्रमशः पहला और दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस आयोजन में छोटे-छोटे हाथों से बनाई गई आकर्षक विमान प्रतिकृतियां देखने को मिलीं।
रबर पॉवर्ड विमान बनाने की प्रतियोगिता में अजिंक्य डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय के प्रणव गांगुर्डे, भूमि रानवड़े और स्वरा राऊत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि एमआईटी विश्वशांति विश्वविद्यालय की साक्षी गीते और ज़ीशान खान को द्वितीय पुरस्कार मिला। बैटरी पॉवर्ड एयरप्लेन प्रतियोगिता में एमआईटी आर्ट, डिजाइन और टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के मरियम मेमन, दानिश देवांगी और मल्हार गडकरी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि दिव्यानी सिंह, अजिंक्य जे. और केविन बिंडोरा ने दूसरा स्थान हासिल किया।
परियोजना प्रदर्शन में ‘डायट’ की मयूरी राजेंद्र गोरे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि एमआईटी आर्ट, डिजाइन और टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के आयुष मौर्य, ध्रुव पेडणेकर और अलरिक डिसिल्वा ने दूसरा पुरस्कार जीता। इस विशेष कार्यशाला में एरोमॉडेलर माधव खरे ने विद्यार्थियों को विमान बनाने की तकनीक सिखाई।
एरोनॉटिकल सोसाइटी द्वारा आयोजित एरोमॉडेलिंग, चित्रकला और छात्र परियोजना प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। सोसाइटी की पुणे शाखा के अध्यक्ष डॉ. ए. पी. दास, ‘एआरडीई’ के निदेशक अंकाती राजू, सहायक निदेशक आर. पी. पांडे, श्रीनिवास राव, आर. पी. एन. राव आदि इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस सम्मेलन को सफल बनाने में आनंद राज, ए. के. एल. भगत, डॉ. एल. के. गीते, जी. आनंद मुरुगन, संगीता शर्मा, बी. एस. गुरव, कामाक्षी गुप्ता, सुनील काशीकर, एस. बी. मुकाणे, राहुल चोपड़े, सुनील हिवाले, रोहित शेरावत, डॉ. एस. सजी, महेश कटोरे, संदीप कौर, पी. के. अडक, संजय गुप्ता आदि ने योगदान दिया। इस प्रदर्शनी को ‘इसरो’ के पूर्व प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ, ‘डीआरडीओ’ के पूर्व प्रमुख डॉ. सतीश रेड्डी, ‘डीआरडीओ’ के महानिदेशक डॉ. प्रतीक किशोर और डॉ. चंद्रिका कौशिक ने भी देखा और विद्यार्थियों की सराहना की।
डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा, “अगर छात्र शोध करना चाहते हैं, तो उन्हें केवल पैकेज के पीछे नहीं भागना चाहिए। यदि वे मौलिक विज्ञान और उसकी अवधारणाओं को सही से समझ लें, तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सांख्यिकी और डेटा को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है।” 
डॉ. सतीश रेड्डी ने कहा कि एरोनॉटिकल सोसाइटी की कई पहल छात्र-केंद्रित हैं और यह कार्यक्रम उनके अनुसंधान दृष्टिकोण को बढ़ावा देने वाला है।

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