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‘एमआयटी एडीटी’ विद्यापीठ में शिवजयंती का उत्साह

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पुणे .  सनई-चौघड़े की मधुर ध्वनि, तुतारी की गूंज, ढोल-ताशों का निनाद, भगवा ध्वज, मर्दानी खेल और ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जय!’, ‘जय भवानी, जय शिवराय!’, ‘नमो पार्वती पते, हर…हर.. महादेव’ के नारों से गूंजते हुए, एमआईटी आर्ट, डिजाइन और टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय में महाराष्ट्र के आराध्य देवता छत्रपति शिवाजी महाराज की 395वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई।

विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थित छत्रपति शिवराय की अश्वारूढ़ प्रतिमा के पास विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. डॉ. मंगेश कराड ने हिंदवी स्वराज्य के प्रतीक भगवा ध्वज को फहराकर जयंती उत्सव की शुरुआत की। इस अवसर पर एमआईटी ‘एडीटी’ की कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. सुनीता कराड, कुलपति प्रो. डॉ. राजेश एस., प्रो-वाइस चांसलर डॉ. मोहित दुबे, कुलसचिव डॉ. महेश चोपडे, छात्र कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. सुराज भोयार, परीक्षा विभाग निदेशक डॉ. ज्ञानदेव निलवर्ण, डॉ. अतुल पाटिल, डॉ. सपना देव समेत अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

इस अवसर पर लोणी-काळभोर और कदमवाक वस्ती ग्राम पंचायत के नागरिक, ‘एमआईटी-एडीटी’ के शिक्षक, कर्मचारी और सैकड़ों छात्रों की उपस्थिति में छात्रों ने शिवराय पर कविताएं, पोवाड़ा और जोशीले स्वर में शिवगर्जना प्रस्तुत की, जिससे उपस्थित लोगों में रोमांच भर गया। इसके बाद छात्रों ने सांस्कृतिक नृत्य और मैदानी खेलों का प्रदर्शन भी किया। शिवराय की पालखी के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई और फिर अश्वारूढ़ प्रतिमा पर क्रेन द्वारा पुष्पहार अर्पित कर महाराज की आरती के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

इस मौके पर प्रो. डॉ. कराड ने कहा कि, “मैं अपने ऑफिस में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होकर दिन की शुरुआत करता हूं क्योंकि शिवराय ऊर्जा के असीम स्रोत हैं। जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, शिवचरित्र पढ़ने से उनका समाधान अवश्य मिलता है। इसलिए शिवराय हमारे भीतर ही हैं और आज वे 395 वर्ष के हो गए हैं। शिवछत्रपति के गुणों को आत्मसात करना ही सच्ची शिवजयंती होगी,” ऐसा संदेश उन्होंने छात्रों को दिया।

रक्तदान शिविर को जबरदस्त प्रतिसाद
शिवजयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में आयोजित रक्तदान शिविर और किले निर्माण प्रतियोगिता को छात्रों ने बड़े उत्साह से अपनाया। रक्तदान शिविर में 216 से अधिक दाताओं ने रक्तदान किया, जिससे यह शिविर अत्यंत सफल रहा। विश्वविद्यालय की नई आईटी इमारत के प्रवेश द्वार पर इन दोनों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। ‘एमआईटी-एडीटी’ के छात्रों ने रक्तदान शिविर जैसे सामाजिक उपक्रमों के माध्यम से शिवजयंती मनाई, जिसकी स्थानीय नागरिकों द्वारा सराहना की गई।

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