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बोपखेल निवासियों को नौ साल बाद मिली राहत, ‘अगस्त’ महीने में खुलेगा बोपखेल और खड़की को जोड़ने वाला पुल

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पुणे। बोपखेल और खड़की को जोड़ने वाला मुळा नदी पर बना पुल 98 प्रतिशत पूरा हो चुका है और अगस्त 2024 के अंत तक यातायात के लिए खुल जाएगा। इससे 2015 से 16 किलोमीटर का लंबा चक्कर काटकर पिंपरी जाने वाले बोपखेल निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। यातायात की दूरी और समय में कमी आएगी।

2015 में मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद दापोडी में कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (सीएमई) की सीमा से होकर गुजरने वाला नागरिक रास्ता बंद कर दिया गया था। इसके कारण बोपखेल गांव के निवासियों को पिंपरी-चिंचवड शहर में आने-जाने के लिए भोसरी या विश्रांतवाड़ी, खड़की मार्ग से होकर लगभग 16 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता था। इससे नागरिकों, विद्यार्थियों और कामगारों को काफी असुविधा हो रही थी।

मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, 20 जुलाई 2019 को बोपखेल से खड़की तक मुळा नदी पर 1856 मीटर लंबा पुल बनाने का काम महापालिका ने शुरू किया। यह काम टी एंड टी इन्फ्रा कंपनी द्वारा किया जा रहा है। न्यायिक प्रक्रियाओं, रक्षा विभाग से जगह मिलने में देरी आदि कारणों से पुल का काम अटका हुआ था। इसलिए काम की अवधि में 24 महीने की बढ़ोतरी की गई थी। पुल की लंबाई 1856 मीटर और चौड़ाई 8.40 मीटर है। बोपखेल की ओर से पहुंच मार्ग की लंबाई 58 मीटर और खड़की की ओर से 262 मीटर बनाई गई है। आज तक पुल का 98 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और अगस्त 2024 के अंत तक पुल यातायात के लिए खुल जाएगा।

इस पुल के निर्माण में रक्षा विभाग के संस्थानों और कॉलोनियों के लिए बिजली आपूर्ति करने वाले महापारेषण विभाग की उच्च दाब वाली बिजली लाइनों और टावरों के कारण काम में बाधा उत्पन्न हो रही थी। वर्तमान में उच्च दाब बिजली लाइनों और टावरों को 18 मई 2024 को स्थानांतरित किया गया है। संबंधित स्थापत्य कार्य भी पूर्ण हो रहे हैं। इस प्रोजेक्ट से नागरिकों और विद्यार्थियों को 2.9 किलोमीटर की दूरी तय करके खड़की कट्क मंडल से पिंपरी-चिंचवड और पुणे शहर की ओर आना-जाना आसान हो जाएगा, जिससे समय और ईंधन की बचत होगी।

प्रोजेक्ट विभाग के सह शहर अभियंता प्रमोद ओंभासे ने कहा कि पुल का काम पूरा होने के करीब है और जल्द ही इसे यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। रक्षा विभाग और यातायात पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करके योजना बनाई जा रही है। इससे बोपखेल के नागरिकों और कामगारों की सुविधा होगी और विद्यार्थियों का समय बचेगा।

पूर्व स्थानीय नगरसेविका और पूर्व उपमहापौर हिराबाई घुले ने कहा कि बोपखेल निवासियों को नौ वर्षों से 16 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा था। पुल के निर्माण के लिए कई स्तरों पर संघर्ष करना पड़ा। अंततः काम पूरा होने के करीब है और जल्द ही पुल यातायात के लिए खुल जाएगा। इससे नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी।

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