मिथिला समाज संस्था, पुणे द्वारा बिहार दिवस समारोह का भव्य आयोजन

पुणे. मिथिला समाज संस्था, पुणे ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” अभियान के अंतर्गत बिहार दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया। इस कार्यक्रम में समाज के लगभग 200 से अधिक लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में दरभंगा के लोकप्रिय सांसद श्री गोपाल जी ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके साथ भाजपा बिहार प्रदेश सह कोषाध्यक्ष श्री अशुतोष शंकर सिंह, भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा नेता श्री जितेंद्र सिंह, बिहार भाजपा नेता श्री श्रवण चौधरी और उदय शंकर चौधरी भी उपस्थित रहे। स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों में वाघोली ग्राम के पूर्व सरपंच रामभाऊ डाभाड़े, समाजसेवी श्री संदीप आबा सातव और भाजपा वाघोली शहर अध्यक्ष विजय जाचक सहित संस्था के पदाधिकारी अध्यक्षा: श्रीमती संगीता पवन चौधरी, सचिव ऋषि झा,कोषाध्यक्ष अजय मिश्रा, उपसचिव सुमन झा,महासचिव गणेश झा,संस्थापक सदस्य पवन चौधरी,कार्यक्रम संयोजक परेश ठाकुर के अलावा संस्था के अन्य प्रमुख सदस्य अशुतोष झा (रॉकी), मुकेश झा, पवन चौधरी (वाघोली), सुनील ठाकुर, मनमोहन झा, नूतन ठाकुर, प्रभाषणी सिंह, सुभाष झा, सुरभि अपलेश, रविंद्र मिश्रा, सी.एन. झा, विजय मिश्रा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
बिहार के विकास पर दिया गया जोर
मुख्य अतिथि सांसद श्री गोपाल जी ठाकुर ने अपने उद्बोधन में सभी बिहारवासियों से अपील की कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का अवश्य प्रयोग करें और अधिक से अधिक लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बिहार में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में हुए विकास कार्यों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने हाल ही में दरभंगा में एम्स (AIIMS) के उद्घाटन और जल्द ही शुरू होने वाली मेट्रो परियोजना का विशेष उल्लेख किया।
पुणे-दरभंगा के लिए विशेष मांगें रखी गईं
कार्यक्रम के दौरान संस्था के सदस्यों ने सांसद श्री गोपाल जी ठाकुर एवं अन्य नेताओं के समक्ष पुणे से दरभंगा के लिए नियमित ट्रेन (संख्या 11033/11034) सेवा एवं पुणे से दरभंगा के लिए दैनिक हवाई सेवा शुरू करने की माँग रखी।
इसके साथ ही, पुणे में “मिथिला भवन” के निर्माण की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। सांसद श्री गोपाल जी ठाकुर ने आश्वासन दिया कि वे पुणे से दिल्ली पहुंचने पर रेल मंत्री से मिलकर पुणे-दरभंगा ट्रेन को प्रतिदिन संचालित करने के लिए प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मिथिला समाज संस्था, पुणे के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बिहार की संस्कृति, परंपरा और विकास को समर्पित इस आयोजन में बिहारवासियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिससे यह समारोह यादगार बन गया।