
पुणे, – परंपरा से हटकर इस बार पुणे के ऐतिहासिक पेठ क्षेत्रों के 60 गणेश मंडलों ने घोषणा की है कि वे अपनी विसर्जन यात्रा सुबह 7 बजे से शुरू करेंगे, जबकि अब तक यह यात्रा परंपरागत रूप से सुबह 10:30 बजे के बाद ही शुरू होती रही है। मंडलों का कहना है कि यह निर्णय नागरिकों, पुलिस और नगर प्रशासन को लंबे समय तक चलने वाली यात्रा से होने वाली असुविधा को कम करने के लिए लिया गया है।
पत्रकार भवन में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंडलों के प्रतिनिधियों ने यह निर्णय सार्वजनिक किया। परंपरागत रूप से पुणे की विश्वप्रसिद्ध गणेश विसर्जन यात्रा की शुरुआत पहले मानाचा गणपति श्री कस्बा गणपति की आरती से लगभग 10:30 बजे होती है। लेकिन इस बार 60 मंडल बेलबाग चौक से सीधे सुबह 7 बजे अपनी यात्रा शुरू करेंगे और पारंपरिक क्रम का इंतजार नहीं करेंगे।
मुठेश्वर गणपति मंडल के अध्यक्ष गणेश भोकरे ने कुछ प्रमुख मंडलों पर मुख्य मार्गों, विशेषकर लक्ष्मी रोड, पर एकाधिकार जमाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“सालों से कुछ मंडल लक्ष्मी रोड पर कब्जा जमाए बैठे हैं और छोड़ने को तैयार नहीं। इससे बाकी मंडलों को देर होती है और समय बर्बाद होता है। इस साल हमने तय किया है कि 7 बजे से ही विसर्जन शुरू करेंगे, ताकि शुरुआती घंटे यूं ही बर्बाद न हों।”
रामेश्वर चौक तरुण मंडल के अध्यक्ष सुरेश जैन ने कहा,
“गणेशोत्सव सिर्फ कुछ चुनिंदा मंडलों का नहीं है — यह सभी भक्तों और प्रतिभागियों का है। हम ‘एक मंडल, एक ढोल-ताशा पथक’ के साथ मानाचा गणपति की यात्रा से पहले ही शुरू करेंगे।”
भाऊसाहेब कर्पे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से अपील की कि पुणे गणेशोत्सव की परंपरा को बचाने के लिए हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा,
“अब तक सभी मंडलों की एक भी संयुक्त बैठक नहीं हुई है। जल्द से जल्द सभी मंडलों की बैठक बुलाकर समाधान निकालना चाहिए।”