
पुणे. तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामीजी की जयंती श्री जैन समाज उत्सव समिति द्वारा उत्साह के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण श्री आदिनाथ भक्तामर हीलिंग सेंटर पुणे द्वारा प्रस्तुत नृत्य नाटिका “भक्तामर की अमर कथा” रही। यह नाटक आचार्य भगवंत मांगतुंग सूरीश्वरजी म. सा भक्तामर स्तोत्र इसी पर आधारित है।
इस नाटक में प्रथम तीर्थंकर श्री वृषभ देव की जन्म कथा के साथ-साथ मानवता के उत्थान के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों को भी प्रस्तुत किया गया। श्री वृषभदेव ने अपने आचरण से संसार को मनुष्य को दी गई शिक्षा, विवाह संस्था तथा उसके साथ आने वाले कर्तव्यों को कैसे पूरा किया जाए, इसका मार्गदर्शन दिखाया। उन्होंने मनुष्यों को सनातन युग से कर्म युग की ओर बढ़ते हुए कर्म करने की शिक्षा भी दी। अपना कर्तव्य पूरा करने के बाद श्री वृषभ देव ने संसार के कल्याण के लिए अपना राजपाट त्याग दिया और समाज को प्रबुद्ध करने निकल पड़े। इसके कारण लोग उन्हें भगवान का स्थान देने लगे। इसके फलस्वरूप श्री वृषभ देव को प्रथम तीर्थंकर के रूप में पूजा जाने लगा।
नाटक के दूसरे भाग में भक्तामर स्तोत्र के बारे में जानकारी प्रस्तुत की गई। बताया गया कि भक्तामर स्तोत्र निश्चित रूप से आज के सामाजिक मुद्दों का उत्तर प्रदान करता है। इस भजन में संख्या 20, 26 और 29 के सूत्र की जानकारी विभिन्न अवसरों के माध्यम से दर्शाई गई है। इस नृत्य नाटिका में सौ से अधिक कलाकारों ने भाग लिया।
इस शानदार नाटक का समन्वयन श्री आदिनाथ भक्तामर हीलिंग सेंटर, पुणे की सीमा सेठिया, सुजाता शिंगवी, स्नेहल चोर्डिया ने किया। इसका निर्देशन और लेखन मनाली मुनोत और इचलकरंजी ने किया था।कार्यक्रम के प्रायोजक श्री प्रकाश शेठ रसिकलाल धारीवाल (माणिकचंद ग्रुप) थे।
कार्यक्रम की शुरुआत आठ वर्षीय गायक निवान ओसवाल द्वारा भक्ति गीतों और नवकार मंत्र की प्रस्तुति से हुई।
इस अवसर पर श्री जैन समाज महोत्सव समिति के अध्यक्ष अचलचंद जैन, देवीचंद जैन, उपाध्यक्ष राजेश शाह, विजयकांत कोठारी, विजय भंडारी, महावीर कटारिया, सतीश चोपड़ा, हरेश शाह, अनिल गेलड़ा, संपत जैन, समीर जैन और सतीश शाह ने दीप प्रज्जवलित किया।
महावीर जयंती के अवसर पर आयोजित शोभा यात्रा में अनूठी प्रस्तुति देने वाली टीमों को पुरस्कार प्रदान किए गए।जैन समाज के प्रसिद्ध फोटोग्राफर सुशील राठौड़, अरिहंत ग्रुप, जय आनंद विहार सेवा ग्रुप को विशेष सेवा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत अरिहंत जागृति मंच द्वारा जैन धर्म पुस्तिका एवं जैन वार्ता पत्रिका का विमोचन गणमान्य व्यक्तियों के हाथों किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सतीश शाह और अनिल गेलड़ा ने किया तथा परिचय अचलचंद जैन ने दिया। इस भक्ति कार्यक्रम में दस हजार से अधिक जैन श्रद्धालुओं ने भाग लिया और इसमें भगवान वृषभदेव की भव्य आरती भी शामिल थी। कार्यक्रम का समापन हजारों दीपों की प्रज्वलित आरती के साथ हुआ। यह भक्तों द्वारा की गई प्रार्थनाओं के साथ संपन्न हुआ।