
पुणे/ बारामती। महाराष्ट्र में कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक का उपयोग बढ़ावा देण्यासाठी राज्य सरकार ने बड़ा पाऊल उचलते हुए इस आर्थिक वर्ष में 500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री एवं पुणे जिला पालकमंत्री अजित पवार ने यह घोषणा श्री छत्रपति सहकारी साखर कारखाना भवानीनगर द्वारा आयोजित किसान मेळावा और ‘ऊस खेती में एआई तकनीक का उपयोग’ विषय पर आयोजित मार्गदर्शन तथा कृषि प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में की।
इस मौके पर कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे, एग्रीकल्चरल डेव्हलपमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन राजेंद्र पवार, श्री छत्रपति सहकारी साखर कारखाना के चेयरमैन पृथ्वीराज जाचक, उपाध्यक्ष कैलास गावडे सहित अन्य मान्यवर उपस्थित थे।
अजित पवार ने कहा कि भूमि की घटती उर्वरता, बढ़ती लागत, पानी की कमी, घटता उत्पादन और बदलते मौसम से किसान परेशान हैं। लेकिन एआई तकनीक के उपयोग से ऊस उत्पादन में 40% तक वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक सिर्फ ऊस ही नहीं बल्कि फल बागानों, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।
उन्होंने जानकारी दी कि ऊस उत्पादक किसानों के खेतों में एआई तकनीक के उपयोग पर प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपये खर्च आएगा। इसमें से 9 हजार रुपये वसंतदादा शुगर इंस्टिट्यूट, 7 हजार रुपये साखर कारखाना अग्रिम देगा जबकि शेष 9 हजार रुपये किसानों को वहन करना होगा। किसानों से इस तकनीक का लाभ लेने का आव्हान भी उन्होंने किया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एआई के लिए ड्रिप सिंचाई आवश्यक है और सरकार किसानों को ड्रिप सब्सिडी समय पर उपलब्ध कराएगी। साथ ही उन्होंने किसानों को हर 3 साल में ऊस बीज बदलने और तणनाशकों का अति प्रयोग न करने की सलाह दी।
इस अवसर पर अजित पवार ने श्री छत्रपति सहकारी साखर कारखाना परिसर की सड़कों के विकास कार्य के लिए 10 करोड़ रुपये और रयत शिक्षा संस्था को स्कूल निर्माण हेतु 81 आर जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार और जिला बैंक स्तर पर कारखाने को आवश्यक मदद दी जाएगी।
कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने कहा कि अब पारंपरिक खेती पद्धति बदलने की जरूरत है और एआई जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना समय की मांग है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य के किसानों को 2024-25 का ड्रिप सिंचाई अनुदान वितरित किया गया है और जिले के किसानों को भी जल्द ही 54 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा।
इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र, बारामती के विशेषज्ञ डॉ. विवेक भोईटे, डॉ. दत्तात्रय थोरवे, वसंतदादा शुगर इंस्टिट्यूट के डॉ. अशोक कडलग और प्रगतिशील किसान संजीव माने ने ऊस खेती में एआई तकनीक के लाभों पर मार्गदर्शन किया।
प्रदर्शनी में कृषि विभाग की योजनाओं के साथ-साथ ड्रोन, आधुनिक कृषि उपकरण, ट्रैक्टर, ड्रिप संच, पाइप उत्पादक कंपनियां और एआई तकनीक प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान, कृषि अधिकारी, आत्मा परियोजना अधिकारी तथा कारखाने के पदाधिकारी उपस्थित थे।