
पुणे। शालेय विद्यार्थियों की सुरक्षित आवाजाही एक अत्यंत संवेदनशील विषय है और इसके लिए स्कूलों और स्कूल बस चालकों को स्कूल बस नियमावली का सख्ती से पालन करना चाहिए। यह निर्देश पुणे शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने दिए।
पुलिस आयुक्तालय में आयोजित “शालेय विद्यार्थी वाहतूक जिल्हा सुरक्षितता समिति” की बैठक में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर पुलिस सह आयुक्त रंजनकुमार शर्मा, अपर पुलिस आयुक्त मनोज पाटील, पुलिस उपायुक्त डॉ. संदीप भाजीभाकरे, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अर्चना गायकवाड, पुणे के उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी स्वप्नील भोसले, पिंपरी चिंचवड के आरटीओ संदेश चव्हाण, बारामती के उप आरटीओ सुरेंद्र निकम, नगरपरिषदों के मुख्याधिकारी, जिला परिषद और महानगरपालिका के शिक्षाधिकारी उपस्थित थे।
सीसीटीवी, महिला कर्मचारी और पुलिस सत्यापन अनिवार्य
पुलिस आयुक्त कुमार ने कहा कि स्कूल बसों और अन्य वाहनों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया जाए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को लाने-ले जाने वाली बसों में महिला सहायिका की नियुक्ति जरूरी हो। साथ ही वाहन चालक, कंडक्टर, क्लीनर आदि की पुलिस सत्यापन प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि स्कुल बस के चालक प्रशिक्षित, नैतिक रूप से योग्य और साफ-सुथरे रिकॉर्ड वाले हों, इसकी जांच शालेय परिवहन समिति द्वारा की जाए। चालक और अटेंडेंट की नेत्र परीक्षण और स्वास्थ्य जांच भी अनिवार्य की जानी चाहिए।
नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
स्कूल स्तर पर परिवहन समिति की स्थापना की गई है या नहीं, इसकी समीक्षा शिक्षा विभाग द्वारा की जानी चाहिए। निजी वाहनों द्वारा की जा रही छात्रों की अवैध परिवहन सेवा पर विशेष जांच अभियान चलाया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
55 करोड़ से अधिक जुर्माना वसूला गया
उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी स्वप्नील भोसले ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी कि 1 जनवरी से 31 मई 2025 के बीच परिवहन विभाग द्वारा 1,321 स्कूल बसों और 650 अन्य वाहनों की जांच की गई। इसमें से 414 स्कूल बसें और 208 अन्य वाहन नियमों का उल्लंघन करते पाए गए। इस कार्रवाई में कुल ₹55.23 करोड़ का जुर्माना वसूल किया गया है।
विभागों के बीच समन्वय ज़रूरी
अंत में पुलिस आयुक्त ने कहा कि स्कूल बसों के हादसे रोकने के लिए स्कूल, परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के बीच घनिष्ठ समन्वय होना चाहिए। विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं और स्कूल बस नियमावली का ईमानदारी से पालन सुनिश्चित किया जाए।