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राष्ट्र निर्माण और विश्व शांति के लिए डॉ. कराड का कार्य अद्वितीय

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अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लोबल पीस के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. मधू कृष्णन के विचार
डॉ. कराड का ‘एंजल ऑफ वर्ल्ड पीस, हार्मोनी एंड इटरफेथ डायलॉग’ पुरस्कार से सम्मान

पुणे, ३ जून : विश्व में बढती आतंकवादी घटनाओं और नरसंहार के कारण मानव जाति अशांति के दलदल में फंस गई है. धर्म के नाम पर सभी मानव जातियाँ बिखरी हुई है. ऐसे समय में डॉ. कराड विश्व शांति के लिए जो कार्य कर रहे हैं, वह मानवता के कल्याण के लिए है. साथ ही सभी को इस बात पर काम करना चाहिए कि राष्ट्र निर्माण और विश्व शांति में छात्रों को कैसे शामिल किया जाए और उनका योगदान लिए जाए. ऐसे विचार अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लोबल पीस के संस्थापक अध्यक्ष और चीफ रेक्टर प्रो. डॉ. मधु कृष्णन ने व्यक्त किए.
यूएसए में एकेडमी ऑफ यूनिवर्सल ग्लोबल पीस और अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लोबल पीस की एक टीम ने पुणे आकर एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा कराड को एजंल ऑफ वर्ल्ड पीस हार्मोनी एंड इंटरफेथ डायलॉग पुरस्कार से नवाजा गया. वे इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. उन्हें द अमेरिकन यूनिवर्सिटी यूएसए द्वारा प्रोपोनेंट ऑफ ग्लोबल पीस अवार्ड २०२५, ‘सर्टीफिकेट ऑफ एक्सीलेन्स’,‘बेस्ट नेशनल बिल्डर्स लिडर्स अवार्ड २०२५’ और यूनायटेड नेशन यूनिवर्सिटी फॉर ग्लोबल पीस की ओर से पीस एम्बेसडर’ पुरस्कार से भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया. इसी तरह डॉ. विश्वनाथ कराड को इंटरनेशनल डिप्लोमेट कार्ड दिया गया. यह १२० देशों में मान्य है. इसके कारण डॉ. कराड एक अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति बन गए है.
इस अवसर पर अमेरिकी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिजॉयकुमार दास, फ्रिडम फाउंडेशन बंदिजन सुधारणा एवं पूर्नवसन केंद्र के संस्थापक व बिशप प्रदिप वाघमारे तथा हाईकोर्ट के एड. विपिन बावर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. साथ ही एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राहुल विश्वनाथ कराड, कुलपति डॉ. आर.एम.चिटणीस और प्र कुलपति डॉ. मिलिंद पांडे मौजूद थे.
प्रो.डॉ. मधु कृष्णन ने कहा, विश्व शांति के लिए जीने, काम करने और अभ्यास करने वाले डॉ. कराड चलते फिरते विश्व शांति राजदूत है.ं संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापित करने के लिए बहुत मेहनत कर रहा हैं. साथ ही डॉ. कराड ने डोम बनाकर धरती पर शांति स्थापित करने का काम कर रहे है.
अक्सर उच्च शिक्षित लोगों को दहेज लिया जाता देखा है. इसलिए सभी को शपथ लेनी चाहिए कि वे दहेज न लेंगे और न ही देंगे. इससे अत्याचार रूकेंगे और विश्व शांति की ओर कदम बढने की बात भी कही.
सम्मान समारोह के बाद जवाब देते हुए प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा.कराड ने कहा, मानवता का कल्याण शांति में निहित है. भारतीय संस्कृति, परंपरा और दर्शन के आधार पर ही विश्व में विश्व शांति आ सकती है. सभी को अपना कर्तव्य समझकर परिवार, समाज, देश और सृष्टि के लिए काम करना चाहिए. विश्व शांति के लिए बनाया गया गुंबद बडा नहीं है, लेकिन इसके माध्यम से दिया गया संदेश सबसे बडा है.
डॉ. बिजॉयकुमार दास ने कहा, गुरू वास्तव में ईश्वर का रूप होते है, दुनिया डॉ. कराड को गुरू के रूप में देखती है. उनमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम जैसे गुण हैं. उन्होंने मानवता के लिए विश्व तीर्थ स्थल रामेश्वर रुई के आलंदी गांव को बदल दिया है.
डॉ. मिलिंद पांडे ने कहा, एमआईटी विश्व शांति विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड चार दशकों से अधिक समय से शिक्षा, दर्शन, अध्यात्म, विश्व शांति, सांप्रदायिक सद्भाव , विश्व बंधुत्व और अन्य क्षेत्रों में दिन रात कर रहे हैं, जो विश्व शांति के सच्चे राजदूत हैं.
डॉ.आर.एम.चिटनिस ने कहा कि डॉ. कराड द्वारा शिक्षा, आध्यात्म और विश्व शांति के लिए किए गए कार्यों की जानकारी दी गई. साथ ही एडवोकेट विपिन बावर ने कहा कि देश के विकास के लिए शांति बहुत जरूरी है.
बिशप प्रदीप वाघमारे ने स्वागत पर भाषण देते हुए कि जो लोग शांति स्थापित करते हैं, वे धन्य हैं, क्योंकि उन्हें धरती पर ईश्वर की संतान माना जाएगा.
प्रो.डॉ. आशीष पाटिल ने सूत्रसंचालन और आभार माना.

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