
मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री की उपस्थिति में ‘पुणे एग्री हैकाथॉन’ का पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न
कृषि क्षेत्र की तकनीकों का इनक्यूबेशन और किसानों तक पहुंचाना आवश्यक – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
‘क्लीन प्लांट’ कार्यक्रम के तहत देश के 9 में से 3 केंद्र महाराष्ट्र में स्थापित होंगे – केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
पुणे। बदलते पर्यावरण और कृषि क्षेत्र के सामने खड़ी चुनौतियों को देखते हुए किसानों की सहायता के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग ही एकमात्र समाधान है। पुणे एग्री हैकाथॉन में प्रस्तुत नवाचारों का इनक्यूबेशन कर उन्हें किसानों तक पहुंचाना जरूरी है, ऐसा प्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया।
वे कृषि महाविद्यालय, सिंचन नगर मैदान में आयोजित प्रथम ‘पुणे एग्री हैकाथॉन’ के पुरस्कार वितरण और समापन समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील, कृषि मंत्री अॅड. माणिकराव कोकाटे, रोजगार हमी योजना एवं फलोत्पादन मंत्री भरत गोगावले, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव विकास चंद्र रस्तोगी, कृषि आयुक्त सूरज मांढरे, प्रभारी विभागीय आयुक्त कविता द्विवेदी और जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी समेत कई गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि खेती की लागत बढ़ती जा रही है और श्रमबल की उपलब्धता भी घट रही है। ऐसे में स्मार्ट तकनीकों का उपयोग आवश्यक है। हैकाथॉन में जलसिंचन, फसल कटाई, फसल छिड़काव, एआई कंट्रोल्ड रोबोट्स, कीट नियंत्रण में मशीन लर्निंग, शेल्फ लाइफ बढ़ाने वाले ड्रायर्स, पशु रोधी उपाय और फसलोत्तर प्रक्रिया से संबंधित बेहतरीन नवाचार प्रस्तुत किए गए। इन तकनीकों को व्यावसायिक रूप में विकसित कर किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि विभाग को इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित करने चाहिए।
‘क्लीन प्लांट’ और क्रॉप कव्हर की आवश्यकता पर बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के फलोत्पादन निर्यात में महाराष्ट्र की भूमिका महत्त्वपूर्ण है, इसलिए ‘क्लीन प्लांट इनिशिएटिव’ के तहत अधिक से अधिक केंद्र महाराष्ट्र में स्थापित किए जाने चाहिए। जलवायु परिवर्तन के चलते फलों और सब्जियों को हो रहे नुकसान से किसानों को राहत दिलाने के लिए क्रॉप कव्हर योजना की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से इस दिशा में योजना लाने की बात कही।
स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन और तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में ऐसे एग्री हैकाथॉन आयोजित करने का सुझाव देते हुए कहा कि देश के 30-32% स्टार्टअप्स कृषि क्षेत्र से जुड़े हैं और उनमें से सबसे अधिक महाराष्ट्र में हैं। उन्होंने कहा कि इस तकनीकी क्रांति को अगर सही दिशा दी गई तो खेती लाभदायक व्यवसाय बन सकती है।
‘क्लीन प्लांट’ के तहत महाराष्ट्र को तीन केंद्र – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ‘क्लीन प्लांट’ कार्यक्रम के तहत देश में 9 केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से 3 महाराष्ट्र में होंगे – अंगूर के लिए पुणे, संतरे के लिए नागपुर और अनार के लिए सोलापुर। इन केंद्रों की स्थापना पर 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यहां आधुनिक नर्सरीज़ तैयार की जाएंगी और 8 करोड़ रोगमुक्त पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के समन्वय से नई कृषि क्रांति संभव है। प्रयोगधर्मी किसानों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे आधुनिक तकनीकों के साथ स्टार्टअप्स की ओर कदम बढ़ाएं।
खेती को लाभकारी बनाने हेतु तकनीक का गांवों तक विस्तार – उपमुख्यमंत्री श्री पवार
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि खेती की समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन, श्रमबल की कमी और बढ़ते खर्च के समाधान के लिए कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली तकनीकों को खेतों तक पहुंचाना अनिवार्य है। पुणे एग्री हैकाथॉन ने इस दिशा में ठोस पहल की है। उन्होंने कहा कि सरकार, कृषि विश्वविद्यालय, स्वयंसेवी संस्थाएं और किसान मिलकर इन तकनीकों को जमीन तक ले जाएं।
उन्होंने पुणे की कृषि परंपरा की गौरवशाली विरासत की चर्चा करते हुए बताया कि यह परंपरा छत्रपती शिवाजी महाराज के काल से चली आ रही है और आज एआई तक पहुंची है।
आयोजकों का वक्तव्य
जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए बताया कि इस एग्री हैकाथॉन के माध्यम से एक लाख किसानों तक नई तकनीकें पहुंचाने का प्रयास किया गया है। इस पहल में विद्यार्थियों, नवउद्यमियों ने भाग लेकर कृषि समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए।
समारोह में सुपर ज्यूरी, नॉलेज पार्टनर संस्थाओं, स्टार्टअप्स, नवोन्मेषी किसानों का सत्कार किया गया। विजेताओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सिंचन, कीट-रोग प्रबंधन, फसल कटाई उत्तर तकनीक, कृषि यंत्रीकरण, मृदा स्वास्थ्य, फर्टिगेशन, कृषि अर्थशास्त्र व बाजार संपर्क जैसे विभागों में पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलगुरु, कृषि क्षेत्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक, औद्योगिक मंडलों के प्रतिनिधि व विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।