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भविष्य में वकीलों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग अनिवार्य : नितिन अग्रवाल

समीर वानखेडे़ का विशेष व्याख्यान आयोजित; एनडीपीएस एक्ट और नशामुक्त समाज पर जोर

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पुणे. “आने वाला युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का है, और वकीलों को इसके उपयोग के लिए तैयार रहना होगा। बदलते तकनीकी परिवेश में साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती के मद्देनजर वकीलों को एआई की समझ और उसकी सहायता से न्याय प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाना होगा।”
यह विचार अग्रवाल समाज फेडरेशन के संयुक्त सचिव तथा अखिल भारतीय उद्योग व्यापार सुरक्षा मंच महाराष्ट्र के अध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने व्यक्त किए।

वे यहां पुणे जिला न्यायालय, शिवाजीनगर स्थित अशोका हॉल में आयोजित विशेष व्याख्यान ‘नशीले पदार्थों की भूलभुलैया: युवा, लत और भारत में कानूनी दुष्परिणाम’ विषय पर मुख्य अतिथि की भूमिका में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन डीएसएच ट्रस्ट और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पुणे के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।

नितिन अग्रवाल ने कहा कि —
“समीर वानखेडे़ जैसे प्रामाणिक और प्रतिबद्ध अधिकारी से मार्गदर्शन प्राप्त होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। उनके अनुभव और ज्ञान से नवोदित कानूनविदों को प्रेरणा और दिशा मिलती है। युवाओं को चाहिए कि वे केवल कानून की किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि तकनीक, साइबर अपराध और डिजिटल न्याय से जुड़ी समकालीन चुनौतियों पर भी ध्यान दें।” उन्होंने यह भी कहा कि, अग्रवाल समाज फेडरेशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार गोयल जी के मार्गदर्शन में पूरा फेडरेशन जहां भी युवाओं की नशा मुक्ति के लिए आवश्यकता होगी वहां तत्पर मिलेगा।
समीर वानखेडे़ ने एनडीपीएस एक्ट की बारीकियों से कराया परिचय

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ टैक्सपेयर सर्विसेस, चेन्नई के वरिष्ठ अधिकारी समीर डी. वानखेडे़ ने एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टेंसेस) अधिनियम की महत्वपूर्ण धाराओं, उसके क्रियान्वयन और व्यवहारिक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा —
“जिस तरह हम ‘नो स्मोकिंग जोन’ की अवधारणा अपनाते हैं, उसी तरह ‘नो नारकोटिक्स जोन’ समाज में विकसित करने की ज़रूरत है। नशे के खिलाफ यह लड़ाई केवल कानून की नहीं, बल्कि समाज की भी होनी चाहिए। जब तक हर नागरिक जागरूक नहीं होगा, तब तक यह जड़ से खत्म नहीं हो सकेगा।”

वानखेडे़ ने करीब एक घंटे के अपने व्याख्यान में कई वास्तविक केस स्टडी, कानूनी दृष्टांत और अनुभवों को साझा करते हुए उपस्थित श्रोताओं को नशा मुक्ति और कानून की व्यवहारिक चुनौतियों के प्रति सजग किया। व्याख्यान के अंत में कानून के विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए सवालों का उन्होंने बेबाकी से उत्तर दिया।

विशिष्टजन एवं प्रबुद्ध श्रोताओं की रही उपस्थिति

इस कार्यक्रम में जिला विधि सेवा प्राधिकरण, पुणे की सचिव स्मिता सोनल पाटिल, डीएसएच ट्रस्ट के सचिव एड. प्रकाश सालसिंगीकर, संरक्षक एड. सतीश गोर्डे, अग्रवाल समाज फेडरेशन पुणे के उपाध्यक्ष विनोद शिवनारायण बंसल, युवा विंग अध्यक्ष विकास गर्ग, युवा उपाध्यक्ष करन अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य अतिथि, अधिवक्ता, छात्र एवं नागरिक उपस्थित थे।कार्यक्रम का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं था, बल्कि युवा वर्ग को नशा मुक्ति के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों से युक्त न्याय व्यवस्था की दिशा में प्रेरित करना भी था।

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