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मुद्रांक शुल्क अभय योजना को बढ़ाने हेतु प्रस्ताव पेश करें : राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले

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पुणे. राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि मुद्रांक शुल्क अभय योजना, जिसकी अवधि 30 सितंबर 2024 को समाप्त हो चुकी है, उसमें लंबित प्रकरणों के समाधान हेतु मुदतवृद्धि का प्रस्ताव तैयार कर पेश किया जाए। साथ ही, नागरिकों के दस्तावेजों की गोपनीयता बनाए रखने और उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए उपयुक्त तकनीकी प्रणाली विकसित करने पर भी विचार किया जाए।

यह निर्देश श्री. बावनकुले ने पुणे में आयोजित नोंदणी व मुद्रांक विभाग की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक के दौरान दिए। इस अवसर पर राज्य के नोंदणी महानिरीक्षक व मुद्रांक नियंत्रक रविंद्र बिनवडे, प्रधान मुद्रांक संजयसिंह चव्हाण, सह नोंदणी महानिरीक्षक अशोक पाटील, नोंदणी उपमहानिरीक्षक उदयराज चव्हाण व अभयसिंह मोहिते, लेखा उपसंचालक अविनाश देशमुख सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में मंत्री बावनकुले ने विभागीय न्यायालयीन प्रकरणों के त्वरित निपटारे के लिए 5 विधि अधिकारियों की नियुक्ति तथा महालेखापाल की आपत्तियों के समाधान के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की नियुक्ति करने का सुझाव दिया। मंत्रालय स्तर के मामलों के समन्वय हेतु एक विशेष समन्वय अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि पंजीकरण महानिरीक्षक को क्षेत्रीय कार्यालयों के निर्माण कार्य की मासिक समीक्षा करनी चाहिए, और उपमहानिरीक्षकों को मासिक 4 कार्यालयों की निरीक्षण करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। विभाग में लंबित प्रकरणों को निपटा कर ‘शून्य प्रलंबितता’ (Zero Pendency) की दिशा में कार्य हो, इसके लिए सभी विभाग प्रमुख प्रयास करें।

इसके साथ ही उन्होंने रिक्त पदों को शीघ्र भरने व लंबित पदोन्नति मामलों का भी निपटारा करने की कार्यवाही शुरू करने को कहा।

‘एक राज्य, एक पंजीकरण’ व ‘एक जिला, एक पंजीकरण’ जैसी योजनाओं की जानकारी देने हेतु विभागीय प्रशिक्षण सत्रों के आयोजन की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग से पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक सरल व पारदर्शी बनाया जाए। अन्य राज्यों की सफल योजनाओं का अध्ययन कर उन्हें महाराष्ट्र में लागू करने की दिशा में भी कार्य हो।

बैठक में उपस्थित रविंद्र बिनवडे ने विभागीय राजस्व वसूली, महाराष्ट्र मुद्रांक अधिनियम के तहत की जा रही कार्रवाई, कार्यालय निरीक्षण, फेसलेस पंजीकरण प्रक्रिया, दस्तावेजों का डिजिटलीकरण, 100 व 150 दिन की कार्य योजना सहित विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी दी और कहा कि आगामी समय में तय योजनाओं के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
यह बैठक मुद्रांक व पंजीकरण विभाग की कार्यप्रणाली को सुधारने, नागरिकों को अधिक पारदर्शी व सरल सेवा देने और लंबित मामलों का समाधान सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम सिद्ध हुई।

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