
पुणे. राज्य सरकार ने राज्य के महत्वपूर्ण ए, बी और सी श्रेणी के महानगर पालिका के चुनाव की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए 10 जून को महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। जिसके अनुसार, पुणे, नागपुर, ठाणे, नासिक, पिंपरी- चिंचवड़, कल्याण- डोंबिवली, नवी मुंबई, वसई- विरार और छत्रपति संभाजीनगर इन 10 मनपा में प्रभाग गठन का काम तुरंत शुरू किया जाएगा, जिसके तहत आगामी पुणे मनपा का चुनाव चार सदस्यीय वार्ड के तहत होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को चुनाव आयोग को वर्ष 2017 में हुए चुनाव के आरक्षण आधार पर चुनाव कराने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने इसकी सूचना नगर विकास विभाग को दी थी। अब नगर विकास विभाग ने पुणे मनपा के वार्डों की प्रभाग रचना करने का निर्देश मनपा आयुक्त को दिया है। इसलिये आगामी मनपा चुनाव 2017 के चुनावों की तरह ही होंगे, और 2011 की जनसंख्या को माना जाएगा, इसलिए पुणे में 42 वार्ड होंगे।चूंकि राज्य सरकार ने नगर निगम की सीमा में शामिल किए गए दो गांवों उरुली और फुरसुंगी को बाहर कर दिया है, इसलिए वार्ड संरचना में बदलाव करना होगा। इसलिए नगर निगम प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि पार्षदों की संख्या 166 से घटकर 165 हो जाएगी।
नगर विकास विभाग ने वार्डों का सीमांकन कर चुनाव आयोग की मान्यता प्राप्त करने, वार्डों का जातिगत आरक्षण करने, लॉटरी निकालने और सजेशन ऑब्जेक्शन के बाद चुनाव आयोग की मंजूरी लेने के लिए कहा है। नगर विकास विभाग से आदेश मिलने के बाद अब मनपा प्रशासन को पूरी तैयारी कर प्रभाग प्रारूप तैयार करना और वार्डों के आरक्षण आदि को लेकर तारीख निश्चित करना होगा। मनपा प्रशासन को प्रारूप प्रभाग रचना कर राज्य चुनाव आयोग से मंजूरी लेना, राज्य चुनाव आयोग से प्रारूप की मंजूरी मिलने के बाद प्रारूप को प्रसिद्ध करना लोगों से शिकायत सुझाव लेना, शिकायत सुझाव लेने के बाद राज्य चुनाव आयोग से उसकी मान्यता लेना अंतिम प्रभाग रचना की मान्यता चुनाव आयोग से लेना और अंतिम प्रभाग रचना मनपा को प्रसिद्ध करना होगा जिसमें लगभग दो महीने का समय लगेगा।
एक लाख की आबादी पर एक नगरसेवक होगा
महापालिका में 30 लाख की आबादी पर पार्षदों की संख्या बढ़ाकर 161 और उसके बाद हर एक लाख की आबादी पर एक पार्षद किया गया है। 2011 में पुणे शहर की आबादी 31 लाख 24 हजार थी। नए 11 गांवों की आबादी करीब 1.5 लाख और नगर निगम में शामिल किए गए , 23 गांवों की आबादी करीब 2.5 लाख थी। लेकिन अब एकत्रित लोकसंख्या करीब 35 लाख 50 हजार है, इसलिए 30 लाख के बाद हर एक लाख की आबादी पर एक नगरसेवक होगा।
पिछले वार्ड में कम सदस्य, नगरसेवक 166 या 165?
विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने दो गांवों फुरसुंगी और उरुली देव को नगर निगम से बाहर कर दिया और उन्हें अलग नगर परिषद बना दिया। चूंकि 2021 में 23 गांव नगर निगम में शामिल किए जाएंगे, इसलिए 2017 के चुनाव की वार्ड संरचना में बदलाव करना होगा। दो गांवों के बाहर होने से इन गांवों की आबादी कम हो जाएगी। इसलिए प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नगर निगम में सदस्यों की संख्या 166 से एक कम होकर 165 होने की संभावना है।
पुणे शहर की 2011 की आबादी और नगर निगम में शामिल नए गांवों को ध्यान में रखते हुए, आगामी नगर निगम चुनाव में 42 वार्ड होंगे। इनमें से 40 या 41 वार्ड में चार सदस्य होने की संभावना है। नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि दो वार्ड में तीन सदस्य या एक वार्ड में दो सदस्य हो सकते हैं।