तकनीकी मंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल को शुभकामनाओं की बौछार
विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्यों ने श्री पाटिल को दी शुभकामनाएं

सभी को श्री चंद्रकांतदादा पाटिल के कार्यों का अनुसरण करना चाहिए!- केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल
पुणे.राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल के 66वें जन्मदिन पर शुभकामनाओं की बौछार की गई। श्री पाटिल के जन्मदिन के अवसर पर विभिन्न सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही शुभारंभ लॉन्स में आयोजित अभिष्टचिंतन समारोह में युवा से लेकर वृद्ध तक विभिन्न क्षेत्रों के अनेक गणमान्य लोगों ने श्री पाटिल से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
श्री चंद्रकांतदादा पाटिल ने अपना जन्मदिन सादगी से मनाते हुए विभिन्न सामाजिक कल्याण गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के आयोजन की अपील की थी। इसके जवाब में विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य एवं रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण जैसे विभिन्न अभियान चलाए गए। साथ ही उन्होंने अपने जन्मदिन के अवसर पर सामाजिक गतिविधियों के लिए धन एकत्र करने में सहयोग करने की अपील की। उनकी अपील का जवाब देते हुए, उन्होंने विभिन्न सामाजिक कल्याण गतिविधियों के लिए धन एकत्र करने में योगदान दिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल, आ. शंकरभाऊ जगताप, हेमंत रासने, भाजपा शहर अध्यक्ष धीरज घाटे, महासचिव राजेश पांडे, नेता रेशमा सैयद, शिवसेना नेता नाना भांगिरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुनील तिंगरे, सुभाष जगताप, बाबूराव चंदेरे, रूपलताई थोम्ब्रे पाटिल, समीर चंदेरे, अंकुश काकड़े, बालासाहेब दाभेकर, दत्ताभाऊ सागरे, दीपक मानकर, एडवोकेट। मंदार जोशी, पराग ठाकुर, खरवड़े देवस्थान ट्रस्ट के सभी पदाधिकारी, पुणे सिटी पुलिस मित्र संगठन, बागतोय रिक्शावाला संगठन, पतितपावन संगठन, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ, देशस्थ ऋग्वेदी ब्राह्मण संगठन और विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोगों ने चंद्रकांतदादा पाटिल को शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा, कि वे छह वर्षों से राजनीतिक और सामाजिक जीवन में काम करते हुए दादा के संवेदनशील कार्यों को अनुभव कर रहे हैं। समाज के सबसे उपेक्षित वर्ग को न्याय दिलाने के साथ-साथ वे हमेशा समाज में हाशिए पर पड़े लोगों की पीड़ा को अपनी पीड़ा मानकर काम करते हैं। इसलिए सभी को उनके काम का उदाहरण लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता को लगता है कि इससे समाज में दुख-दर्द खत्म होगा।