‘तेर पॉलिसी सेंटर’ के 15 वर्ष पूर्ण होने पर पर्यावरण अनुकूल कार्यक्रमों की शृंखला
15 जून से होंगे जागरूकता बढ़ाने वाले पर्यावरण केंद्रित कार्यक्रम

पुणे .पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत पुणे स्थित संस्था ‘तेर पॉलिसी सेंटर’ के 15 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 15 जून से 28 जून 2025 के बीच विभिन्न पर्यावरण अनुकूल कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों में प्रमुख रूप से ‘तेर एन्वायरोथॉन – रन फॉर एन्वायरमेंट’, व्याख्यान, चित्रकला प्रतियोगिता और संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे।यह जानकारी एक पत्रकार परिषद में संस्थापक डॉ. विनिता आपटे और प्रकल्प व्यवस्थापक सागर लखोटिया ने दी।
तेर एन्वायरोथॉन का शुभारंभ 15 जून 2025, रविवार को सुबह 4:30 बजे पुणे ग्रामीण पुलिस हॉकी मैदान (पाषाण रोड) से होगा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पुणे ग्रामीण के पुलिस आयुक्त संदीपसिंह गिल उपस्थित रहेंगे। पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से श्रीनगर से खारदुंगला तक दौड़ने वाले कर्नल भूपेंद्र सुब्बू, बसंत प्रधान, अनुप बनिया और लव बर्मन इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पाईट (जिला पुणे) में सुबह 9 से 11 बजे तक योग प्रदर्शन और कौस्तुभ केलकर का व्याख्यान आयोजित किया गया है।22 जून को राजेंद्रनगर, पुणे स्थित इंद्रधनुष पर्यावरण केंद्र में चित्रकला स्पर्धा होगी।24 जून को कोडीत गांव में ‘बायो फर्टिलाइज़र’ विषय पर कौस्तुभ केलकर और ‘मधुमक्खियां और प्रकृति’ विषय पर डॉ. प्रशांत सावंत के व्याख्यान होंगे।
28 जून 2025 को समापन समारोह
समापन कार्यक्रम 28 जून को शाम 6 से 8 बजे एस.एम. जोशी सभागृह, नवी पेठ, पुणे में आयोजित किया गया है। इसमें ‘सतत पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा’ विषय पर चर्चासत्र होगा, चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा और फिर आमंत्रित अतिथियों के साथ अल्पाहार का आयोजन होगा। इस संवाद सत्र में अजय फाटक, डॉ. विनिता आपटे और शिरीष जोशी भाग लेंगे।
15 वर्षों की पर्यावरणीय यात्रा
डॉ. विनिता आपटे ने कहा कि ‘तेर पॉलिसी सेंटर’ द्वारा पर्यावरण जनजागृति हेतु निरंतर कार्यक्रम चलाए जाते हैं। यह संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ की स्वयंसेवी कार्यक्रमों की सहभागी है तथा जर्मनी की ‘नेचर फंड’, वॉशिंगटन की ‘एफएचआय 360’, और अफ्रीका (तंज़ानिया) की ‘नेट ज़ीरो’ जैसी संस्थाओं से भी जुड़ी हुई है।
संस्था ने अब तक महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, असम, भुवनेश्वर, गोवा और राजस्थान जैसे अनेक राज्यों में 5 लाख से अधिक वृक्षारोपण कर उनका पालन-पोषण किया है। स्कूली बच्चों में पर्यावरण प्रेम जागृत करने के लिए ‘ग्रीन ओलंपियाड’ नामक उपक्रम चलाया जाता है। वारजे टेकड़ी नागरी वन प्रकल्प जैसे उपक्रमों में भी यह संस्था अग्रणी भूमिका निभाती है।
पर्यावरण क्षेत्र में काम करने वाले युवा संशोधकों को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम यंग रिसर्च फेलोशिप प्रदान की जाती है। संस्था राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिषदों का आयोजन भी करती है। वर्ष 2010 से जलवायु परिवर्तन संबंधी आंतरराष्ट्रीय परिषदों में यह संस्था विशेष सहभागिता निभा रही है, और भारत की एकमात्र संस्था है जो वहां प्रदर्शनी शेड लगाती है।
संस्थान का संपूर्ण भारत में 200 से अधिक ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ कार्यसंबंध है। 28 जून को संस्था के 15 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं, इस अवसर पर सिर्फ पुणे ही नहीं, बल्कि पाईट, कोडीत, पुलिकत, गुजरात और पंजाब जैसे कार्यक्षेत्रों में भी कार्यक्रमों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन पर जनजागृति की जाएगी।
इन सभी कार्यक्रमों की शुरुआत 15 जून को ‘इन्वायरोथॉन’ से होगी।