पुणे में अत्याधुनिक ब्रेन बाईपास सर्जरी ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जान बचाई
मणिपाल हॉस्पिटल बाणेर में ब्रेन बाईपास सर्जरी कराने के बाद 32 वर्ष के मरीज को अपनी दृष्टि और सामान्य जीवन वापस मिला

पुणे : मणिपाल हॉस्पिटल्स, बाणेर के न्यूरोसर्जन ने पुणे के एक 32 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सुपरफिशियल टेंपोरल आर्टरी टू मिडिल सेरेब्रल आर्टरी (एसटीए-एमटीए) बायपास सर्जरी की है। इसे बोलचाल की भाषा में ब्रेन बायपास सर्जरी कहा जाता है। मरीज को बार-बार इस्केमिक एपिसोड पड़ते थे। स्ट्रोक के बाद उनकी एक आँख से दिखना बंद हो गया था। सर्जरी को आशातीत सफलता मिली, जिसके बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और उनकी आँख की दृष्टि वापस आ गई है। रिकरन्ट स्ट्रोक में समय के साथ सुधार हो जाएगा।
मरीज को 6 महीने तक शरीर के बाएं तरफ की कमजोरी के कई दौरे आए, जो हर बार कुछ मिनटों तक चलते थे और ये दौरे अक्सर कम रक्तचाप या डिहाइड्रेशन जैसी परिस्थितियों में होते थे । निदान में सामने आया कि उनकी दाहिनी ओर की मिडिल सेरेब्रल आर्टरी (एमसीए) पूरी तरह से ब्लॉक हो चुकी है। डॉक्टरों को मोया-मोया रोग का शक हुआ, जो लगातार बढ़ने वाली इंट्राक्रेनियल आर्टिरियोपैथी है, जो एशियन आबादी और युवाओं एवं टीनेजर्स में ज्यादा पाई जाती है। चूंकि बाहरी रक्त प्रवाह दिखाई नहीं दिया और ब्लॉक हुए चैनल में स्टेंट लगाना संभव नहीं था, इसलिए थेरेपी के पारंपरिक तरीकों पर विचार नहीं किया गया।
डॉ. अमित धाकोजी, एचओडी एवं कंसल्टैंट – न्यूरोसर्जरी, मणिपाल हॉस्पिटल, बाणेर ने कहा , ‘ ‘यह मामला जटिल था। इसलिए हमने एसटीए-एमसीए बायपास सर्जरी की। इस तकनीक में सिर की स्वस्थ आर्टरी, सुपरफिशियल टेंपोरल आर्टरी को अवरोध से दूर मिडिल सेरेब्रल आर्टरी के व्यवहारिक हिस्से में रिरूट और एनेस्टोमोज़ किया जाता है। इस रिरूटिंग से दिमाग के क्षतिग्रस्त हिस्से में खून का प्रवाह फिर से शुरू किया जा सका। सर्जरी के बाद मरीज की हालत में असाधारण सुधार हुआ। बार-बार पड़ने वाले इस्केमिया के एपिसोड तुरंत बंद हो गए। डॉक्टर यह देखकर चकित रह गए कि पहले जिस आँख से दिखाई नहीं दे रहा था, उसकी दृष्टि भी आंशिक रूप से वापस आ गई थी। ’’
श्री आनंद मोटे, क्लस्टर डायरेक्टर, मणिपाल हॉस्पिटल, बाणेर, पुणे ने कहा, ‘ ‘मणिपाल हॉस्पिटल में हम असामान्य और जटिल से जटिल मामलों में भी लगातार असाधारण मेडिकल उपचार प्रदान करते हैं। इस सर्जरी ने इंटरडिसिप्लिनरी टीमवर्क, अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी, और विस्तृत क्लिनिकल ज्ञान का महत्व प्रदर्शित किया है। हमें गर्व है कि हमारे हॉस्पिटल में सटीकता और सहानुभूति के साथ अत्याधुनिक न्यूरोलॉजिकल समाधान प्रदान किए जाते हैं। ’’
यह सर्जरी डॉ. अमित धाकोजी, डॉ. श्रेय कुमार शाह और उनकी टीम ने पूरी की।