पुणे से पंढरपुर के लिए पालखी ने किया प्रस्थान, हडपसर में हुआ भव्य स्वागत

पुणे. संत तुकाराम महाराज पालखी सोहळा आज पुण्यनगरी से पंढरपुर की ओर भक्तिभाव से रवाना हो गया। विठ्ठल नाम के जयघोष, अभंग गायन और टाळ-मृदंग की गूंज से वातावरण भक्तिमय माहौल में पालकी प्रस्थान हुई। इस अवसर पर हजारों वारकरी व नागरिकों की उपस्थित थे । हडपसर फाटा क्षेत्र में पालखी का भव्य स्वागत किया गया, जहां परंपरागत वेशभूषा में सुसज्जित लोककलाकारों व स्थानीय नागरिकों ने भावपूर्ण स्वागत किया।
संत तुकाराम महाराज पालखी यात्रा महाराष्ट्र की सबसे पवित्र परंपराओं में से एक है, जिसकी शुरुआत १८२० में दीक्षित परिवार ने की थी। यह वार्षिक यात्रा आषाढ़ी एकादशी के उपलक्ष्य में आयोजित होती है, जो पुणे से पंढरपुर तक लगभग २१ दिन की दूरी तय करते हुए विठोबा रुख्मिणी मंदिर तक पहुंचती है।
पुणे से पालखी प्रस्थान
आज सुबह संत तुकाराम महाराज की पालखी , अकुर्डी स्थित संत निवास से अलंकारित रथ पर विराजमान होकर भक्तों के जयघोष के बीच रवाना हुई। पुलिस बंदोबस्त के बीच नियोजित मार्ग से पालखी पुणे शहर में प्रवेश कर कसबा पेठ, बुधवार पेठ, लष्कर, पुणे कॅम्प होते हुए हडपसर पहुंची।
हडपसर में ऐतिहासिक स्वागत
हडपसर परिसर में पालखी का ऐतिहासिक स्वागत हुआ। सजीव झांकियां, ढोल-ताशा पथक, बँड पथक, फूलों की वर्षा और रंगोली से सजे रास्तों से होकर पालखी गुजरी। स्थानीय मंडळों व सामाजिक संस्थाओं ने फराळ, पाणपोई, आरोग्य शिबिर, फर्से व अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराईं।
पालखी के साथ हजारों वारकरी ‘ज्ञानोबा-तुकोबा’ के नाम का गजर करते हुए विठ्ठल भगवान के दर्शन हेतु पंढरपुर की ओर पदयात्रा कर रहे हैं। महिला, पुरुष, वृद्ध, बालक—सभी भक्ति में रमे हुए दिखे। कई वारकरी पारंपरिक भगवे वेश में टाळ, मृदंग और वीणा बजाते हुए नाचते-गाते पालखी के साथ चल रहे हैं।
पुलिस व प्रशासन की व्यवस्थाएं
पालखी मार्ग पर यातायात व्यवस्था, स्वच्छता, चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुणे महानगरपालिका, पुलिस विभाग व प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है। हडपसर, फुरसुंगी, लोंढे व अन्य स्थानों पर हेल्थ डेस्क, प्राथमिक उपचार केंद्र व मोबाइल क्लिनिक तैनात किए गए हैं।