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हिंजवड़ी को मिली मनपा में शामिल होने की हरी झंडी, राज्य सरकार ने दी मंजूरी

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पिंपरी. बारिश के मौसम की शुरुआत से पहले हिंजवड़ी में जलजमाव की गंभीर समस्या को लेकर प्रशासन की तीखी आलोचना हुई। इस इलाके में विभिन्न प्रशासनिक विभागों के बीच तालमेल की कमी के आरोप भी लगे। इसी पृष्ठभूमि में हिंजवड़ी को पिंपरी चिंचवड महापालिका में शामिल करने की मांग ने जोर पकड़ा। अब राज्य सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए हिंजवड़ी को महापालिका में शामिल करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, इस प्रक्रिया की शुरुआत जल्द ही की जाएगी।

हिंजवड़ी के पास फिलहाल कोई स्वतंत्र प्रशासनिक व्यवस्था नहीं है। यह क्षेत्र महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (MIDC), पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (PMRDA), हिंजवड़ी ग्रामपंचायत और सार्वजनिक बांधकाम विभाग जैसे विभिन्न विभागों के अधीन आता है। इन विभागों में आपसी समन्वय की कमी के चलते वर्षों से विकास कार्य रुके हुए हैं। एक ओर जहां अत्याधुनिक IT पार्क और हाई-एंड हाउसिंग सोसायटियां हैं, वहीं दूसरी ओर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। यही कारण है कि महापालिका में शामिल करने की मांग लगातार तेज होती जा रही है।

पहली बार 2015 में हिंजवड़ी, गहुंजे, जांबे, मारुंजी, माण, नेरे और सांगवडे जैसे गांवों को पिंपरी चिंचवड महापालिका में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया था। यह प्रस्ताव महापालिका की सर्वसाधारण सभा में पास होकर राज्य सरकार को भेजा गया। हालांकि सरकार ने इस पर बार-बार जानकारी मांगी, लेकिन लंबे समय तक यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा।

वर्तमान में हिंजवड़ी के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सड़क, पेयजल, कचरा प्रबंधन जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। बारिश के मौसम में भी लोगों को पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है। सड़कों, फुटपाथों और स्ट्रीट लाइट्स का भी यहां अभाव है। ऐसे में IT सेक्टर से जुड़े लोगों का मानना है कि यदि क्षेत्र का महापालिका में विलीनीकरण होता है तो इन समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

हिंजवड़ी को महापालिका में शामिल कराने की मांग को लेकर यहां काम करने वाले आईटी कर्मचारियों ने ‘अनलॉक हिंजवड़ी’ नाम से एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। महज दो दिनों में इस अभियान में 16,000 से अधिक नागरिकों ने भाग लिया है। यह अभियान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। अगले आठ दिनों में यह हस्ताक्षर मुख्यमंत्री को सौंपे जाएंगे, जिनमें मुख्य रूप से यही मांग की जाएगी कि हिंजवड़ी को पिंपरी चिंचवड महापालिका में शामिल किया जाए।

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