लोकमान्य तिलक के परपोते और केसरी के संपादक डॉ. दीपक तिलक का निधन

पुणे.देश की स्वतंत्रता संग्राम की मशाल “दै. केसरी” के प्रमुख स्तंभ और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के परपोता डॉ. दीपक तिलक का आज पुणे में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे।
डॉ. दीपक तिलक न केवल केसरी के विश्वस्त संपादक थे, बल्कि उन्होंने सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। वर्ष 1995 से 2000 के दौरान जब महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सरकार सत्ता में थी, तब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में भी सक्रिय रूप से प्रवेश किया था। उस कालखंड में वे समाजसेवकों और पत्रकारों से निरंतर संवाद में रहते थे।
डॉ. तिलक के निधन के साथ ही “दै. केसरी” के उस गौरवशाली अध्याय का एक और पृष्ठ बंद हो गया है, जिसकी नींव स्वयं लोकमान्य तिलक ने स्वतंत्रता संग्राम के दौर में रखी थी। आज केसरी वाडा धीरे-धीरे अपने एक-एक वीर सपूत को खोता जा रहा है।
उनका पार्थिव शरीर आज सुबह 8 से 11 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए तिलकवाडा, पुणे में रखा गया । इसके पश्चात दोपहर 12 बजे के बाद वैकुंठ स्मशानभूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पुणे शहर में शोक की लहर है। अनेक राजनेता, पत्रकार, समाजसेवक और नागरिक टिळकवाडा पहुँच कर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित किया।