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‘कटहल: अ जैकफ्रूट मिस्ट्री’ ने जीता बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड, एकता कपूर ने दिया रिएक्शन!

एकता कपूर की ‘कटहल’ ने मारी बाजी, जीता बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड

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कटहल: ए जैकफ्रूट मिस्ट्री (2023) उन फिल्मों में से है जिसे दर्शकों और आलोचकों, दोनों ने खूब पसंद किया। एकता कपूर, गुनीत मोंगा, अचिन जैन और शोभा कपूर के प्रोडक्शन में बनी इस कॉमेडी-क्राइम ड्रामा फिल्म को यशोवर्धन मिश्रा ने डायरेक्ट किया है। आज 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स 2023 में इस फिल्म ने बड़ी जीत दर्ज की। कठल को बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला, जो इसकी अनोखी कहानी, समाज पर तीखे कमेंट और नए अंदाज़ की बड़ी पहचान है।

जीत का जश्न मनाते हुए, फिल्म की प्रोड्यूसर एकता कपूर ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर यह खुशखबरी शेयर की और लिखा – “थैंक यू  जय माता दी @monika_shergill @netflix_in @guneetmonga @achinjain20 @sanyamalhotra_”

https://www.instagram.com/stories/ektarkapoor/3689616000688503294/

एकता कपूर ने जीत के बाद अपनी खुशी और आभार जताते हुए कहा, “मैं इस बड़े सम्मान के लिए ज्यूरी का धन्यवाद करती हूं। हमारे काम और कहानियों की पसंद को पहचान मिलना बेहद सुकून देने वाला है। मैं खुश हूं कि मुझे गुनीत मोंगा, अचिन जैन, बालाजी और नेटफ्लिक्स जैसे शानदार साथी मिले। मैं यह अवॉर्ड अपनी शानदार कास्ट और क्रू के साथ बांटना चाहती हूं, जिन्होंने इस फिल्म को कई तरीकों से संवारने में योगदान दिया।”

यह मेकर्स के लिए बड़ी जीत है, क्योंकि फिल्म ने एक सामाजिक मुद्दे को मज़ेदार अंदाज़ में और अलग तरीके से पेश किया। सान्या मल्होत्रा, मेघा शुक्ला, आनंद वी. जोशी और बाकी कलाकारों की एक्टिंग ने दर्शकों को खूब प्रभावित किया। अपनी ताज़ा कहानी, सच्ची लगने वाली परफॉर्मेंस और हल्के-फुल्के व्यंग्य के साथ फिल्म ने हर किसी का दिल जीत लिया। बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म का हालिया नेशनल अवॉर्ड इस बात का सबूत है कि अब दर्शक और आलोचक, दोनों ही दमदार कंटेंट वाली कहानियों को सबसे ज़्यादा पसंद कर रहे हैं।

कटहल: अ जैकफ्रूट मिस्ट्री की कहानी मज़ेदार से दिखने वाले छोटे से कस्बे मोबा में सेट है। यहां इंस्पेक्टर महीमा बसोर (सान्या मल्होत्रा) एक अजीब केस सुलझाने निकलती हैं — एक विधायक के घर से दो कटहल चोरी हो गए हैं। जो मामला शुरू में बेमतलब और मज़ाकिया लगता है, वह जल्द ही एक लापता लड़की के गंभीर केस में बदल जाता है। महीमा अपनी समझदारी और हिम्मत से तस्करी और सामाजिक अन्याय जैसे बड़े मुद्दों को सामने लाती हैं, और यह सब वह हंसी-मजाक के साथ लेकिन दमदार संदेश देते हुए करती हैं।

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