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द्राक्ष बागवानी संघ की मांगों को पूरा करने के लिए शासन सकारात्मक – उपमुख्यमंत्री अजित पवार

उपमुख्यमंत्री श्री. पवार के हस्ते ‘द्राक्ष परिसंवाद’ व 65वें वार्षिक अधिवेशन का उद्घाटन

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पुणे : किसानों के कल्याण के लिए राज्य शासन काम कर रहा है। द्राक्ष उत्पादकों की वजह से महाराष्ट्र में सच्चे अर्थों में समृद्धि आई है। द्राक्ष बागवानी संघ की विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए शासन सकारात्मक है और उनके पीछे मजबूती से खड़ा है, ऐसा प्रतिपादन उपमुख्यमंत्री तथा ज़िले के पालकमंत्री अजित पवार ने किया।

महाराष्ट्र राज्य द्राक्ष बागवानी संघ के द्राक्ष परिसंवाद व 65वें वार्षिक अधिवेशन का उद्घाटन श्री. पवार के हस्ते हुआ, उस समय वे बोल रहे थे। होटल टिपटॉप इंटरनैशनल, वाकड, पुणे में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे, विधायक शंकरराव मांडेकर, केंद्रीय बागवानी उपसचिव संजय सिंह, कृषि आयुक्त हेमंत वसेकर, संघ के अध्यक्ष कैलास भोसले, पुणे एनआरसीजी के निदेशक कौशिक बैनेर्जी, चिली देश के द्राक्ष वैज्ञानिक कार्लोस फ्लोडी, संघ के उपाध्यक्ष मारुति चव्हाण, संघ के कोषाध्यक्ष शिवाजीराव पवार, केंद्रीय विज्ञान समिति के अध्यक्ष अभिषेक कांचन आदि उपस्थित थे।

उपमुख्यमंत्री श्री. पवार ने कहा कि द्राक्ष बागवानी संघ के अध्यक्ष द्वारा रखी गई विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए जल्द ही मुंबई में बैठक बुलाकर चर्चा कर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। केंद्रीय स्तर की मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से चर्चा कर दिल्ली में केंद्र स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। इन मांगों को पूरा करने के संदर्भ में राज्य शासन की ओर से कोई अड़चन नहीं होगी, ऐसा आश्वासन उन्होंने दिया।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य के सबसे गरीब व्यक्ति की प्रगति होनी चाहिए, इसके लिए शासन कार्य कर रहा है। किसान ही हमारी जाति है और हम शिव-शाहू-फुले-आंबेडकर के विचारों से आगे बढ़ रहे हैं। किसानों को संतुष्ट करने के लिए केंद्र और राज्य शासन के माध्यम से विभिन्न योजनाएं लागू की जाती हैं; लेकिन इस बीच बाजार की प्रतिस्पर्धा को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।

संघ की ओर से श्री. भोसले ने कहा कि राज्य शासन के कार्यक्षेत्र की मांगों को आगामी विधानमंडल अधिवेशन के भीतर हल करने का प्रयास किया जाएगा। घरेलू बाजार बहुत बड़ा है; किसानों को इस पर भी ध्यान देना चाहिए। हम जो उत्पादन करते हैं उसके लिए अपनी बाजार व्यवस्था कैसे बना सकते हैं, इस पर काम शुरू है। श्री. पवार ने आगे कहा कि संघ को उचित स्थान पर, उचित मात्रा में निधि देने का प्रयास किया जाएगा। ड्रोन स्प्रे के लिए राज्य शासन अनुदान दे रहा है और इसमें महिला बचत समूहों को प्राथमिकता से अवसर दिया जाएगा।

कृषिमंत्री श्री. भरणे ने कहा कि मैं पहले खुद द्राक्ष बागवानी किसान हूं, उसके बाद कृषिमंत्री। आपके प्रश्न परिवार के ही प्रश्न हैं और किसानों को अच्छा उत्पादन मूल्य मिले, इसके लिए ध्यान रखेंगे। संघ के अध्यक्ष द्वारा रखे गए सुझावों पर विचार किया जाएगा। किसानों की उपज की मार्केटिंग के लिए राज्य का कृषि विभाग हमेशा प्रयासरत रहेगा।

संघ के अध्यक्ष श्री. भोसले ने कृषि विभाग को AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) तकनीक के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की निधि मंजूर करने तथा बेदाना (किशमिश) प्रसंस्करण के लिए अनुदान बढ़ाने पर उपमुख्यमंत्री श्री. पवार का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने आगे कहा कि सौर पंप योजना में सुधार की आवश्यकता है और किसानों की मांग पर विचार कर 10 HP मोटर पंप धारकों को भी बिजली बिल से छूट मिलनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन की पृष्ठभूमि पर शासन ने शुरू की गई कवर क्रॉप पायलट योजना में सुधार की आवश्यकता है; कठोर शर्तें, महंगे संसाधन और भारी कर प्रणाली के कारण गरीब किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। आने वाले समय में पूरे देश में द्राक्ष महोत्सव आयोजित करने का संघ का इरादा है। उन्होंने आगे मांग रखी कि खेती के किरायानामे पर स्टांप ड्यूटी 50% से घटाकर 1% की जाए, पूर्वोत्तर भागों में द्राक्ष पहुंचाने के लिए रेफ्रिजरेटेड वैन उपलब्ध कराई जाए, परिवहन विभाग के फिटनेस सर्टिफिकेट के कठोर नियमों से किसानों के ट्रैक्टर को छूट दी जाए और 1 रुपये में द्राक्ष फसल बीमा योजना फिर से शुरू की जाए।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री. पवार के हाथों कृषिभूषण सुरेश एकनाथ कलमकर और चिली के द्राक्ष वैज्ञानिक कार्लोस फ्लोडी का सम्मान किया गया। साथ ही ‘द्राक्ष वृत्त’ इस स्मारिका का प्रकाशन भी उनके हस्ते हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत में श्री. पवार ने यहां आयोजित प्रदर्शनी में लगे विभिन्न कंपनियों के स्टॉल का दौरा किया। इस कार्यक्रम में द्राक्ष बागवानी संघ के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारी, विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि और राज्यभर से बड़ी संख्या में द्राक्ष बागवानी किसान उपस्थित थे।

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