पुणे विद्यार्थी गृह इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट कॉलेज को ‘सुप्रा एसएई इंडिया’ राष्ट्रीय स्पर्धा में अभूतपूर्व सफलता
नोएडा में हुए रेसर कार डिजाइन प्रतियोगिता में देश में पहला स्थान; 2 लाख का नगद पुरस्कार

पुणे: सोसाइटी फॉर ऑटोमोटिव इंजीनियर्स (SAE) की ओर से नोएडा (दिल्ली) में 13 से 16 अगस्त 2025 के दौरान आयोजित प्रतिष्ठित ‘सुप्रा एसएई इंडिया-2025’ राष्ट्रीय स्पर्धा में पुणे विद्यार्थी गृह (PVG) कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट की ‘मैवरिक’ टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देशभर में पहला स्थान हासिल किया। इस टीम ने कुल पांच पुरस्कार जीतकर संस्थान और पुणे शहर का नाम रोशन किया। प्रतियोगिता में देशभर के IIT, NIT और प्रमुख तकनीकी संस्थानों की टीमों ने भाग लिया था।
पीवीजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के 28 विद्यार्थियों की इस टीम ने ‘अविरा’ नामक रेसिंग कार का डिजाइन और निर्माण किया। कॉलेज के अन्य विभागों के छात्रों ने भी इसमें सहयोग दिया। अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए तैयार की गई इस कार ने निर्णायकों को प्रभावित किया और टीम ने राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान अपने नाम किया। टीम को प्रमाणपत्र, स्मृति-चिह्न और नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पिछले कुछ वर्षों से पीवीजी की टीम लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही थी। 2022 में तीसरा स्थान, 2023 और 2024 में दूसरा स्थान हासिल करने के बाद इस बार 2025 में टीम ने पहली बार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप अपने नाम की। टीम को सामूहिक विजय के साथ 2 लाख रुपये का पुरस्कार मिला। इसके अलावा एक्सेलेरेशन इवेंट (₹25,000), स्किडपैड इवेंट (₹25,000) में विजेता और एंड्यूरेंस इवेंट (₹20,000) में उपविजेता रहने का गौरव भी हासिल हुआ।
टीम के मार्गदर्शक प्रो. महेश कांबले को उनके उत्कृष्ट मार्गदर्शन के लिए प्रतिष्ठित ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार’ प्रदान किया गया। कॉलेज प्रबंधन ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर छात्रों और शिक्षकों का अभिनंदन किया। पीवीजी के निदेशक सुनील रेडेकर, प्रो. राजेंद्र कडुसकर, प्राचार्य डॉ. मनोज तारांबळे और विभागाध्यक्ष डॉ. एम. एम. भूमकर ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल छात्रों की तकनीकी क्षमता का प्रमाण है, बल्कि परियोजना प्रबंधन, टीमवर्क और नवाचार की भावना को भी मजबूती देती है।
रेडेकर ने कहा, “सुप्रा एसएई प्रतियोगिता का उद्देश्य युवा इंजीनियरों को व्यावहारिक अनुभव देना, डिजाइन व निर्माण की समझ विकसित करना और शिक्षा के साथ-साथ उद्योग से जुड़ी चुनौतियों के लिए तैयार करना है। पीवीजी के छात्रों ने जो सफलता हासिल की है, वह हम सभी के लिए गर्व की बात है।”