
पुणे। आदिवासी समाज के लिए तल्लीन स्तर पर नेतृत्व तैयार करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए “आदि कर्मयोगी अभियान” के अंतर्गत पुणे जिले में आज जिलास्तरीय मार्गदर्शन कार्यशाला का आयोजन जिलाधिकारी कार्यालय में किया गया।
इसमें स्पष्ट किया गया कि शासकीय अधिकारी “आदि कर्मयोगी” होंगे, वहीं युवा नेतृत्व, शिक्षक, डॉक्टर और समाजसेवक “आदि सहयोगी” होंगे। “आदि साथी” के रूप में आदिवासी नेता, स्वयंसेवक और बचत गट की महिलाएं कार्य करेंगी।
पुणे जिले के जुन्नर, आंबेगांव, खेड, मावळ, हवेली और पुरंदर तालुका के कुल 99 गांव आदिवासी बहुल हैं। यहां की जनसंख्या लगभग 85,304 है और 17,420 परिवार पात्र लाभार्थी हैं। इन परिवारों तक 17 विभागों की योजनाओं को पहुंचाने के लिए प्रत्येक गट में 30 प्रशिक्षुओं को तैयार किया गया है। जिले में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में 9 अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इस अवसर पर जिला आदिवासी विकास प्रकल्प अधिकारी प्रदीप देसाई, सोनू कोतवाल और मोमिन अस्मा बेगम ने अभियान की माहिती दी।
अभियान के मूलभूत मूल्य सेवा, संकल्प और समर्पण हैं। इसके माध्यम से देशभर में 20 लाख “आदि कर्मयोगी” तैयार करने का लक्ष्य है। अभियान का उद्देश्य है कि 10 लाख आदिवासी गांवों, 550 से अधिक जिलों और 30 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में पहुंचकर 10.5 करोड़ आदिवासी नागरिकों तक शासकीय योजनाओं का लाभ प्रभावी ढंग से पहुंचाना।
अभियान की संरचना तीन स्तरों पर होगी —
“आदि कर्मयोगी” : शासकीय अधिकारी
“आदि सहयोगी” : शिक्षक, डॉक्टर व पेशेवर मार्गदर्शक
“आदि साथी” : स्वयंसेवक, महिला बचत गट सदस्य और आदिवासी नेता
इस अभियान में सरकार और आदिवासी समाज के बीच विश्वास बढ़ाने, सहभागी नियोजन के माध्यम से सर्वसमावेशक विकास सुनिश्चित करने तथा दुर्गम क्षेत्रों तक शासकीय योजनाएं प्रभावी ढंग से पहुंचाने पर विशेष जोर रहेगा।
पुणे जिले में घोडेगांव, आंबेगांव, खेड, मावळ, हवेली और पुरंदर तालुका के 99 गांव इस अभियान के पहले चरण में शामिल किए गए हैं।
कार्यक्रमानुसार —
9 से 11 सितम्बर : जिला प्रक्रिया प्रयोगशाला
15 सितम्बर : तालुका कार्यशालाएं
18 सितम्बर : गांव स्तर पर कार्ययोजना तैयार करने की प्रक्रिया
2 अक्टूबर : विशेष ग्रामसभा द्वारा कार्ययोजनाओं को अंतिम स्वीकृति
इस अभियान के लिए पुणे जिले की जिला परिषद, आदिवासी विकास प्रकल्प अधिकारी, उपवनसंरक्षक, जिला स्वास्थ्य विभाग, महिला व बाल कल्याण विभाग, ग्रामीण जलापूर्ति तथा जिला ग्रामीण विकास यंत्रणा के अधिकारी “जिला मास्टर ट्रेनर” के रूप में नियुक्त किए गए हैं।