मध्य रेल ने उप मुख्य इंजीनियर (निर्माण) सम्मेलन का आयोजन किया
मध्य रेल ने 29 और 30 अगस्त, 2025 को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई में उप मुख्य इंजीनियर (निर्माण) सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया।मध्य रेल ने 29 और 30 अगस्त, 2025 को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई में उप मुख्य इंजीनियर (निर्माण) सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

सम्मेलन की अध्यक्षता मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री धर्मवीर मीना ने की। अपने संबोधन में, महाप्रबंधक ने पिछले तीन वर्षों में निर्माण संगठन के उल्लेखनीय प्रदर्शन की सराहना की, जिसमें क्रमशः 248 किमी, 348 किमी और 315 किमी रेलमार्गों का निर्माण कार्य पूरा हुआ है, और टीमों को उनकी निरंतर प्रगति के लिए बधाई दी। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि मध्य रेल, निर्माण विभाग को 2023-24 में सभी क्षेत्रीय रेलों में प्रथम स्थान और 2024-25 में द्वितीय स्थान मिला है, जो संगठन की प्रतिबद्धता और दक्षता को दर्शाता है। उन्होंने आगे निर्देश दिया कि 2025-26 तक 363 किमी का लक्ष्य प्राप्त किया जाए, जिसमें दोहरीकरण और मल्टी-ट्रैकिंग कार्यों को समय पर पूरा करने पर विशेष जोर दिया जाए।
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) श्री अवनीश कुमार पांडे ने किया और इसमें प्रमुख विभागाध्यक्षों, मुख्य इंजीनियर, उप मुख्य इंजीनियर, उप मुख्य विद्युत इंजीनियर, उप मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर, उप वित्तीय सलाहकारों के साथ-साथ मुख्यालय और क्षेत्रीय इकाइयों के अधिकारियों ने भाग लिया।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्तुतियाँ दी गईं और चर्चाएँ हुईं, जिनमें शामिल हैं:
* भूमि अधिग्रहण की चुनौतियाँ और प्रक्रिया में तेजी लाने के उपाय।
* कार्यान्वयन के दौरान संरेखण सुधार।
* इंजीनियरिंग खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) अनुबंध और क्षेत्रीय स्तर की चुनौतियाँ।
* इंजीनियरिंग स्केल प्लान (ईएसपी) में सुधार और परिवर्तनों एवं देरी को कम करने के उपाय।
* निरीक्षण के दौरान रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा उठाए गए मुद्दे।
* अतिरिक्त उच्च वोल्टेज (ईएचवी) क्रॉसिंग संबंधी समस्याएँ और उनका समाधान।
* इंजीनियरिंग कार्यों के साथ सिग्नल एवं दूरसंचार एकीकरण संबंधी समस्याएँ।
सम्मेलन का समापन 30 अगस्त को सभी अधिकारियों द्वारा बेहतर नियोजन, अंतर-विभागीय समन्वय और नवीन पद्धतियों को अपनाकर 2025-26 के लक्ष्यों को निर्धारित समय के भीतर प्राप्त करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ हुआ।
मध्य रेल निर्माण संगठन-प्रगति चार्ट
मध्य रेल निर्माण संगठन ने पिछले तीन वर्षों में 900 किलोमीटर से अधिक नए रेल खंडों को सफलतापूर्वक चालू किया है, जिससे यात्री और माल ढुलाई दोनों कोरिडोर को मजबूती मिली है।
चालू वर्ष 2025-26 के लिए, 363 किलोमीटर ट्रैक खोलने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
* पुणे-मिरज खंड का दोहरीकरण (260 किलोमीटर चालू) – कर्नाटक की ओर कनेक्टिविटी में सुधार।
* दौंड-मनमाड खंड का दोहरीकरण (220 किलोमीटर पूर्ण) – एक महत्वपूर्ण उत्तर-दक्षिण कोरिडोर पर भीड़भाड़ को कम करना।
• मनमाड और जलगाँव के बीच तीसरी लाइन (149 किमी शुरू) – दिल्ली-मुंबई मार्ग पर क्षमता में वृद्धि।
* अहमदनगर-बीड-परली नई लाइन (198 किमी पूर्ण) – मराठवाड़ा तक रेल पहुँच प्रदान करती है।
* बेलापुर-उरण नई उपनगरीय लाइन – एक ऐतिहासिक उपनगरीय परियोजना, जो अब नवी मुंबई से उरण तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करती है और दैनिक यात्रियों और बंदरगाह से संबंधित यातायात, दोनों की ज़रूरतों को पूरा करती है।
चालू परियोजनाएँ
19 परियोजनाओं (2,059 किमी – 1,218 किमी चालू, 841 किमी शेष) पर काम चल रहा है, जिनमें शामिल हैं:
* वर्धा-बल्हारशाह तीसरी लाइन (132 किमी) – कोयला और माल ढुलाई के लिए महत्वपूर्ण।
* सेवाग्राम-नागपुर तीसरी और वर्धा-नागपुर चौथी लाइनें (156 किमी) – नागपुर के आसपास भीड़भाड़ कम करना।
• इटारसी-नागपुर तीसरी लाइन (279 किमी) – एक प्रमुख मुख्य मार्ग पर क्षमता वृद्धि।
* उपनगरीय विस्तार: कल्याण-कसारा तीसरी लाइन, कल्याण-आसनगांव चौथी लाइन, निलजे-कोपर कॉर्ड – मुंबई उपनगरीय नेटवर्क की भीड़भाड़ कम करने के लिए।
नवीन स्वीकृत परियोजनाएँ
राष्ट्रीय महत्व की नई परियोजनाओं की घोषणा इस प्रकार की गई है:
(13 परियोजनाएँ – 1,421 किमी, 2024-25 और 2025-26 में स्वीकृत)
* इंदौर-मनमाड नई लाइन परियोजना (309 किमी),
* अजंता गुफाएँ कनेक्टिविटी परियोजना (174 किमी),
* भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन परियोजना,
* जलगाँव-मनमाड चौथी लाइन परियोजना,
* राहुरी-शनि शिंगणापुर नई लाइन परियोजना, और
* मुंबई और नागपुर के आसपास विभिन्न क्षमता वृद्धि कार्य।
मध्य रेल निर्माण संगठन भारत के रेल बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने, रेल संपर्क बढ़ाने और राष्ट्र के विकास में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।