
————————————————–
विद्यार्थी सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, बल्कि संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बनें
प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया का मत; प्रायोगिक ‘सूर्यदत्त धन्वंतरी हॉस्पिटल’ से मिला व्यवहारिक अनुभव; मान्यवरों द्वारा पहल की सराहना
पुणे: मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में किस तरह कामकाज चलता है, इसका प्रत्यक्ष अनुभव विद्यार्थियों को देने के उद्देश्य से सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन संचालित सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स ने ‘सूर्यदत्त धन्वंतरी हॉस्पिटल’ नामक एक प्रायोगिक अस्पताल की स्थापना की। इसमें विद्यार्थियों ने डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट और अस्पताल के प्रशासनिक कर्मचारियों की भूमिका निभाते हुए चिकित्सा सेवा का अनुभव किया। सूर्यदत्त मल्टी डिसिप्लिनरी इंटिग्रेटेड कैंपस की संकल्पना के अंतर्गत यह अभिनव प्रयोग सूर्यदत्त के बावधन कैंपस स्थित बंसी-रत्न सभागृह में तीन दिनों तक चला और इसे उत्साहपूर्ण प्रतिसाद मिला।
‘सूर्यदत्त’ के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया और सुषमा चोरडिया के मार्गदर्शन में तैयार इस प्रायोगिक अस्पताल में विभिन्न क्लिनिकल विभागों—ओपीडी, आईपीडी, आईसीयू, रेडियो डायग्नोसिस, मेडिकल—का कार्य, आपातकालीन परिस्थिति में मरीजों को संभालने की प्रक्रिया, बेसिक लाइफ सपोर्ट की प्रैक्टिकल डेमो, मॉक ड्रिल, हॉस्पिटल रिकॉर्ड्स, बिलिंग, डिस्चार्ज समरी, एम्बुलेंस और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं का अनुभव विद्यार्थियों ने लिया।
इस पहल में सूर्यदत्त कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी, कॉलेज ऑफ नर्सिंग पैरामेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी, कॉलेज ऑफ फार्मेसी हेल्थकेयर एंड रिसर्च, पुणे इंस्टिट्यूट ऑफ अप्लाइड टेक्नोलॉजी तथा सूर्यदत्त कॉलेज ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट एंड ट्रैवल टूरिज्म के छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। हेल्थ, फिटनेस, योग, मेडिटेशन, नशामुक्ति, मानसिक रोग, काउंसलिंग और पुनर्वास जैसे क्षेत्रों से भी विद्यार्थियों को व्यवहारिक समझ मिली।
इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कई दिग्गजों को ‘सूर्यदत्त धन्वंतरी हेल्थकेयर एक्सलेंस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। इनमें शामिल रहे: डॉ. कांतीलाल लोढ़ा, डॉ. सुजय लोढ़ा, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संदीप मुनोत, शाश्वत हॉस्पिटल की सोनल बिडवाई, कृष्णा हॉस्पिटल की डॉ. प्रतिमा वर्तक, मुख्य नर्स उर्मिला शिरसाट, वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मीनाक्षी पंडित, रिहैब एंड अक्वाटिक थेरपिस्ट डॉ. गजानन भालेराव, डॉ. सुनील अंबुरे, डॉ. सीमा पाटिल, डॉ. स्वरूप पाटिल, डॉ. विजय राह्यकर, डॉ. तृप्ति बस्ते, डॉ. पार्थ अभ्यंकर और डॉ. स्वाती देशमुख।
प्रो. डॉ. चोरडिया ने कहा, “विद्यार्थियों को मरीज संभालने का आत्मविश्वास मिलना चाहिए, उनकी स्किल्स में बढ़ोतरी होनी चाहिए और उन्हें अस्पताल के प्रशासनिक व क्लिनिकल कामकाज की गहन समझ होनी चाहिए। इसी लक्ष्य से यह पहल की गई है। ‘सूर्यदत्त धन्वंतरी हॉस्पिटल’ समाजकल्याण की दिशा में एक कदम है। अत्याधुनिक और बहुविध सुविधाओं से युक्त ‘सूर्यदत्त धन्वंतरी हॉस्पिटल’ जल्द ही शुरू होगा, जिसमें आयुर्वेद, होम्योपैथी और एलोपैथी के विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे। इस अस्पताल का देश के प्रतिष्ठित मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स से टाई-अप है, जिससे विद्यार्थियों को विभिन्न विभागों का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। अगले एक वर्ष तक विद्यार्थियों को मॉक हॉस्पिटल के माध्यम से व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा और आगामी दो वर्षों में सूर्यदत्त अपना आधुनिक ‘धन्वंतरी हॉस्पिटल’ समाज और विद्यार्थियों के लिए समर्पित करेगा।”
सूर्यदत्त के कैंपस को बहु-विषयक शैक्षणिक शाखाओं का संगम कहा जा सकता है। 2021 में फिजियोथेरेपी, उसके बाद फार्मेसी और पिछले वर्ष नर्सिंग विभाग की स्थापना हुई। इसके अलावा होटल मैनेजमेंट, खेल, काउंसलिंग, ऑल्टरनेट मेडिसिन, ऑर्गेनिक एनवायरनमेंट और समाज सेवा जैसे विभागों से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो रहा है। एनजीओ विजिट और ऑन-जॉब ट्रेनिंग के माध्यम से भी छात्र लाभान्वित होते हैं।
प्रसन्न पाटिल ने कहा, “जैसे समुद्र मंथन से रत्न निकलते हैं, वैसे ही ‘सूर्यदत्त’ से निरंतर नई शाखाएं और विभाग जन्म ले रहे हैं। इन शाखाओं का उपयोग आने वाली पीढ़ियों को गढ़ने में हो रहा है। असली विकास ‘देवदर्शन’ है और वह डॉक्टरों के माध्यम से ही संभव है। मुझे विश्वास है कि सूर्यदत्त के विद्यार्थी निष्ठा, परिश्रम और नैतिकता के बल पर चिकित्सा क्षेत्र में ऊँचाई हासिल करेंगे।”
इसके अलावा डॉ. श्रीधर शिरोडकर (फिजियोथेरेपी), डॉ. सीमी रेठरेकर (हॉस्पिटल संकल्पना), डॉ. सारिका झांबड (फार्मेसी), डॉ. रसिका गुमास्ते (हॉस्पिटैलिटी विभाग) ने भी अपने विचार रखे। इस पहल का सफल संयोजन सभी विभाग प्रमुखों, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने मिलकर किया। मौके पर सीईओ अक्षित कुशल और डायरेक्टर स्वप्नाली कोगजे भी उपस्थित रहे।



