एक्सा द्वारा 2030 तक भारत में लगभग 10,000 लड़कियों की STEM शिक्षा को समर्थन

पुणे, 10 अक्टूबर 2025:* ‘एक्सा’ (AXA) ने आज ‘डेअर टू थ्राईव्ह’ (Dare To Thrive) पहल के तहत, 2030 तक भारत में वंचित पृष्ठभूमि की लगभग *10,000 लड़कियों* की STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) शिक्षा को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की।
इस पहल के हिस्से के रूप में, *एक्सा ग्लोबल बिज़नेस सर्विसेज़ (AXA Global Business Services)* इकोसिस्टम पार्टनर्स और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ मिलकर काम करेगा। इसका उद्देश्य उन छात्राओं को प्रशिक्षित करना है जो *छात्रवृत्ति अनुदान (scholarship grants), **कंप्यूटर प्रयोगशालाओं (computer labs)* की स्थापना और *डेस्कटॉप कंप्यूटरों* के वितरण जैसे विभिन्न माध्यमों से STEM शिक्षा प्राप्त करना चाहती हैं। इसके माध्यम से, बेंगलुरु और पुणे में 40 लड़कियों की STEM शिक्षा को समर्थन दिया जाएगा।
‘एक्सा ग्रुप’ के 40 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए, कंपनी ने आज पुणे स्थित *‘फ्रेंड्स यूनियन फॉर एनर्जाइजिंग लाइव्स (FUEL)’* नामक संस्था के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की। पिछले कुछ वर्षों में, एक्सा ग्लोबल बिज़नेस सर्विसेज़ ने विभिन्न उद्योग साझेदारियों के माध्यम से 2500 से अधिक लड़कियों को सशक्त बनाया है और कंपनी इस दिशा में अपने प्रयासों को बढ़ाना चाहती है।
‘डेअर टू थ्राईव्ह’ पहल का शुभारंभ *एक्सा जीबीएस (AXA GBS)* के बेंगलुरु कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में *एक्सा ग्रुप ऑपरेशन्स* के ग्रुप चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी *अलेक्जेंडर वोलर्ट (Alexander Vollert), बेंगलुरु में फ्रांस के कौन्सुल जनरल **मार्क लैमी (Marc Lamy)* और एक्सा ग्लोबल बिज़नेस सर्विसेज़ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी *मिचेल रोशफोर्ट (Michele Rochefort)* द्वारा किया गया।
एक्सा ग्लोबल बिज़नेस सर्विसेज़ में, *‘समावेशिता’ (inclusion)* उन लोगों को उनकी पूरी क्षमता हासिल करने में सहायता करके रोज़मर्रा की कार्रवाई का मार्गदर्शन करती है जो सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हैं। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि ‘सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर किसी का हक है’। शिक्षा, डिजिटल सशक्तिकरण और सामुदायिक समर्थन के माध्यम से, कंपनी उन लोगों के लिए तीव्र वृद्धि और अवसर प्रदान करती है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
*एक्सा ग्रुप ऑपरेशन्स* के ग्रुप चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी *अलेक्जेंडर वोलर्ट* ने
कोट कहा, “बीमा क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर के रूप में, ‘एक्सा ग्रुप’ हमारे विभिन्न घटकों जैसे ‘एक्सा ग्लोबल बिज़नेस सर्विसेज़’ सहित समुदायों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है और हमने अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को परोपकारी नवाचार के लिए एक प्रयोगशाला के रूप में तैयार किया है। अगले 5 वर्षों में भारत में वंचित पृष्ठभूमि की 10,000 से अधिक लड़कियों की STEM शिक्षा को समर्थन देने की हमारी महत्वाकांक्षा व्यापक सामाजिक परिवर्तन में योगदान देने और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने तथा उनकी *रोजगारक्षमता (employability)* बढ़ाकर एक अधिक समावेशी दुनिया बनाने के उद्देश्य से है। *‘जो महत्वपूर्ण है, उसकी सुरक्षा करना’ (protect what matters)* ही ‘एक्सा’ के मूल उद्देश्य का सार है।”
*एक्सा ग्लोबल बिज़नेस सर्विसेज़* के सीईओ *मिचेल रोशफोर्ट* ने कहा, “हम अपने आस-पास के समुदायों में बदलाव लाने के लिए सामूहिक शक्ति में विश्वास करते हैं और हमें *‘डेअर टू थ्राईव्ह’* पहल के माध्यम से इस विश्वास को दोहराने पर गर्व है, जो हजारों युवा लड़कियों का जीवन बदलने में मदद करेगी। हम इस यात्रा को लेकर उत्साहित हैं, जहाँ हम छात्राओं को *डिजिटल समावेश (digital inclusion)* प्रदान कर सकते हैं और कम विशेषाधिकार प्राप्त परिवारों की मदद कर सकते हैं।”
कोट
FUEL* के मुख्य कार्यकारी अधिकारी *केतन देशपांडे* ने कहा, “हमारा मिशन युवा व्यक्तियों, विशेष रूप से छोटे शहरों की लड़कियों को, आत्मविश्वास बनाने और *रोजगार योग्य (employable)* बनने के लिए आवश्यक कौशल, प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। हमें ‘एक्सा’ की *‘डेअर टू थ्राईव्ह’* पहल में भागीदार बनकर खुशी हो रही है और हमें इन छात्राओं के जीवन में परिवर्तन लाने का विश्वास है।”



