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खेती केवल अन्न उत्पादन नहीं, बल्कि संस्कृति, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था की आधारशिला है – उपमुख्यमंत्री अजित पवार

पुणे में पहले अंतरराष्ट्रीय एग्री हैकथॉन का उद्घाटन

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पुणे। “खेती केवल अन्न उत्पादन करनेवाली व्यवस्था नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यदि हम सभी मिलकर काम करें, तो महाराष्ट्र की कृषि दुनिया को दिशा देने वाली आदर्श बन सकती है,” ऐसा विश्वास उपमुख्यमंत्री एवं पुणे जिल्ह्याचे पालकमंत्री अजित पवार ने व्यक्त किया। वे सिंचननगर मैदान, कृषी महाविद्यालय पुणे में आयोजित पहले अंतरराष्ट्रीय एग्री हैकथॉन के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन राज्य सरकार के कृषि विभाग, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ और कृषि महाविद्यालय पुणे के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।

इस अवसर पर कृषि मंत्री एड. माणिकराव कोकाटे, विधायक बाबाजी काळे, विधायक बापूसाहेब पठारे, कृषि आयुक्त सूरज मांढरे, पुणे महानगरपालिका आयुक्त नवल किशोर राम, प्रांत आयुक्त कविता द्विवेदी, मराठा चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासंचालक प्रशांत गिरबाणे, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ के पूर्व कुलगुरु डॉ. राजाराम देशमुख, पूर्व कृषि आयुक्त डॉ. उमाकांत दांगट, दापोली कृषि विद्यापीठ के डॉ. संजय सावंत, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उपमहाप्रबंधक संजय वाघ आदि मान्यवर उपस्थित थे।

श्री पवार ने कहा कि खेती केवल किसानों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि उद्योग, वैज्ञानिक, सरकार और समाज सभी की साझा जिम्मेदारी है। राज्य सरकार ने एग्री स्टैक, डिजिटल फसल सर्वेक्षण, स्मार्ट सिंचाई, कृषि डेटा मिशन, एफपीसी सशक्तिकरण और जैविक खेती को प्रोत्साहन जैसे अनेक उपक्रम शुरू किए हैं।

 

उन्होंने बताया कि एग्री स्टैक योजना के अंतर्गत किसानों को एक यूनिक फार्मर आईडी (Unique Farmer ID) दी जा रही है, जिसमें उनकी भूमि, फसल, अनुदान, बीमा और कर्ज की जानकारी एकत्र की जाएगी। इससे योजनाओं का लाभ सीधे किसानों को मिलेगा और बार-बार कागजी प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। अब तक 1 करोड़ किसानों ने इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण कराया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केवल उत्पादन बढ़ाना पर्याप्त नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण उत्पादन, उसकी ब्रांडिंग, बाजार उपलब्धता और उचित मूल्य मिलना भी जरूरी है। इसी मूल्य शृंखला को हमें बनाना है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते खेती को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे समय में सरकार और समाज को किसानों के साथ खड़े रहना होगा।

उन्होंने एग्री हैकथॉन को महाराष्ट्र की कृषि को नवसंजीवनी देनेवाला उपक्रम बताया। इस हैकथॉन में युवाओं, स्टार्टअप्स और कृषि विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीकों की मदद से कृषि समस्याओं के समाधान खोजने का प्रयास किया जा रहा है।

 

कृषि मंत्री एड. माणिकराव कोकाटे ने कहा कि भविष्य में कृषि को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए सरकार प्रयासरत है। रासायनिक खेती से भूमि की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, अतः जैविक खेती की ओर बढ़ना जरूरी है। राज्य सरकार कृषि प्रयोगशालाएं और शॉपिंग मॉल जैसी नई योजनाएं भी ला रही है। किसानों को मार्केट लिंकेज की सुविधा मिले, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

 

कृषि आयुक्त सूरज मांढरे ने कहा कि अधिक उत्पादन के बावजूद किसानों की आमदनी नहीं बढ़ रही है, इसलिए नई तकनीकों को अपनाना समय की मांग है। एग्री हैकथॉन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी ने बताया कि एग्री हैकथॉन का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, तकनीकी समाधान देना, जल प्रबंधन, भूमि उपयोग और आधुनिक जानकारी प्रदान करना है। इस प्रतियोगिता में 140 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें से 16 को अंतिम विजेताओं के रूप में चुना जाएगा। यह प्रदर्शन 2 और 3 जून को सभी के लिए खुला रहेगा और 3 जून को समापन समारोह होगा।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कृषि विषयक विभिन्न स्टॉल्स का भी दौरा किया और उत्पादकों से जानकारी प्राप्त की।समापन पर डॉ. महानंद माने ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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