
पुणे. महाराष्ट्र राज्य के सांस्कृतिक कार्य विभाग और एमआईटी-एडीटी विश्वविद्यालय, पुणे के थिएटर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘रंग रूपक’ नामक राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 25 से 27 मार्च तक राज कपूर मेमोरियल थिएटर में होगा। भारतीय ज्ञान परंपरा में नाट्य संस्कृति के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से आयोजित इस परिसंवाद में राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक और रंगकर्मी मार्गदर्शन करेंगे। यह जानकारी एमआईटी-एडीटी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. महेश चोपडे और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अमोल देशमुख ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी।
इस तीन दिवसीय परिसंवाद की मुख्य विषयवस्तु “भारतीय ज्ञान परंपरा में नाट्यशास्त्र की भूमिका” है। इसे भारत सरकार के दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा प्रायोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता और मार्गदर्शक के रूप में एनएसडी, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक पद्मश्री वामन केंद्रे, एनएसडी के कार्यकारी अध्यक्ष पद्मश्री भरत गुप्त, संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा, प्रसिद्ध अभिनेता व निर्देशक पद्मश्री चंद्रप्रकाश द्विवेदी उपस्थित रहेंगे। वे प्राचीन नाट्यशास्त्रीय सिद्धांतों के महत्व को रेखांकित करेंगे।
इसके अलावा, प्रख्यात शास्त्रीय नर्तक पद्मश्री शशधर आचार्य, गुरू शमा भाटे, वरिष्ठ नाट्यविद् डॉ. संगीता गुंडेचा, पियाल भट्टाचार्य, डॉ. गौतम चार्तेजी, प्रो. संध्या रायते, डॉ. सुदनियन कुमार मोहंती और प्रसाद भिडे नाट्यशास्त्र के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा करेंगे।
नाट्यशास्त्र पर गहन मंथन
भरतमुनि द्वारा रचित नाट्यशास्त्र भारतीय संस्कृति की धरोहर है, जो रंगमंच, नाट्य और अभिनय से जुड़े विभिन्न आयामों को समेटे हुए है। इस परिसंवाद में भारतीय तत्वज्ञान, मनोविज्ञान और समकालीन नाट्य आंदोलन पर विस्तृत चर्चा होगी। नाट्य छात्रों और रंगकर्मियों के लिए यह एक ज्ञानवर्धक अवसर होगा।
इस परिसंवाद में एमआईटी-एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. डॉ. मंगेश कराड, महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक कार्य संचालनालय के निदेशक विभीषण चवरे, कुलपति प्रो. डॉ. राजेश एस. और दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर की आस्था गोडबोले कार्लेकर की उपस्थिति रहेगी। आयोजन का संचालन कुलसचिव डॉ. महेश चोपडे, सिने-नाट्य अधिष्ठाता डॉ. मुकेश शर्मा और संस्कार भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री अभिजीत गोखले करेंगे।
इस परिसंवाद के आयोजन की जिम्मेदारी डॉ. अमोल देशमुख, प्रो. सुनीता नागपाल, प्रो. निखिल शेटे, प्रो. अनिर्बन बाणिक और प्रो. किरण पावसकर ने संभाली है।
*नाट्य प्रस्तुतियों से बढ़ेगी रंगत!*
परिसंवाद में नाट्य विशेषज्ञों के मार्गदर्शन के बाद विद्यार्थियों को संवाद का अवसर मिलेगा। साथ ही, प्रतिष्ठित रंगकर्मियों द्वारा विशेष नाट्य प्रस्तुतियां भी आयोजित की जाएंगी। नाट्य तकनीक और रंगमंचीय संवेदनशीलता विकसित करने के लिए “रंग रूपक” एक सुनहरा अवसर साबित होगा।