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पुणे में 1662 करोड़ का वक्फ जमीन घोटाला उजागर

सामाजिक कार्यकर्ता सलीम मुल्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी, मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी की ईडी से मांग

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पुणे . वक्फ संपत्तियों की अवैध बिक्री और कर चोरी के जरिये पुणे में कुल 1662 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला सामने आया है। वक्फ बोर्ड के अधिकारी, सदस्य और एक आपराधिक गिरोह की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है। इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग के माध्यम से तुरंत जांच की जाए। साथ ही इस घोटाले के मुख्य आरोपी अमीन नूरमहंमद शेख और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया जाए, यह मांग सामाजिक कार्यकर्ता व महाराष्ट्र वक्फ लिबरेशन एंड प्रोटेक्शन टास्क फोर्स के अध्यक्ष सलीम मुल्ला ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।

 

बोगस ट्रस्ट और मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा

सलीम मुल्ला ने कहा, “गरीब और जरूरतमंदों के नाम पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर अवैध लेन-देन छिपाए गए हैं।”वक्फ की बहुमूल्य जमीनें बनावटी अनुबंधों के जरिये रियल एस्टेट कारोबारियों को बेची गई हैं। ट्रस्ट के खाते से मनी लॉन्ड्रिंग की गई और इस काले धन को वैध संपत्तियों में निवेश कर सरकारी जांच एजेंसियों को धोखा दिया गया। वक्फ बोर्ड के कुछ अधिकारियों ने इस घोटाले में अहम भूमिका निभाई है, और गरीबों के हक की जमीनें हड़पने में मदद की है। पुणे वक्फ बोर्ड के एक सदस्य ने अपने रिश्तेदारों को बोर्ड में नियुक्त किया, जिसका खुलासा निर्णयों के हेराफेरी में हुई।

 

धार्मिक संपत्तियों की अवैध बिक्री

सलीम मुल्ला ने कहा, इस घोटाले में कई प्रमुख धार्मिक और समाज कल्याण के लिए आरक्षित वक्फ संपत्तियां अवैध रूप से बेची गई हैं। इनमें बाणेर मस्जिद, उदन शाह वली दरगाह, आदम शाह वली दरगाह, छोटा शेख सल्ला दरगाह, बड़ा शेख सल्ला दरगाह और आदम का पंजा जैसी संपत्तियां शामिल हैं। इस घोटाले का मुख्य सूत्रधार अमीन नूरमहंमद शेख, उसका सौतेला बेटा असीम अमीन शेख और उनके साथी इस घोटाले में शामिल हैं। महाराष्ट्र का यह सबसे बड़ा भूमि घोटाला है, इस टोली ने फर्जी ट्रस्ट, बोगस कंपनियों और नकली सौदों के जरिये वक्फ की कीमती जमीनों को हड़पा गया। इस घोटाले में वक्फ बोर्ड के अधिकारियो की मिलीभगत सामने आई है. इसके अलावा, आरोपियों के संबंध अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और उसकी गैंग से होने का भी खुलासा हुआ है।

 

आगे उन्होंने कहा, “2016 के सरकारी आदेश के अनुसार, इनाम जमीनों को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे ताकि इनकी अवैध बिक्री को रोका जा सके। लेकिन जिलाधिकारी, वक्फ बोर्ड के अधिकारियों और सदस्यों ने इस आदेश को नजरअंदाज कर इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया।”

 

सलीम मुल्ला ने सभी सबूतों के साथ ईडी में शिकायत दर्ज कराई है और मांग की है कि वक्फ बोर्ड के सदस्य, प्रशासनिक अधिकारी और अपराधी गिरोह के प्रमुखों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने आगे कहा, “लूटा गया पैसा वापस लाकर मुस्लिम समाज की स्कूलों, अस्पतालों और विश्वविद्यालयों के लिए इस्तेमाल किया जाए। यह सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि सार्वजनिक विश्वास का घोर उल्लंघन भी है।”इस मामले पर अब जांच एजेंसियों पर भारी दबाव है और पूरा देश इस घोटाले में न्याय की उम्मीद कर रहा है।

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